उद्धव साहब खोआ खाएं, पर दूध को उचित भाव दें

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  • पुणे शहर भाजपा की ओर से मांजरी में दूध आंदोलन किया गया

पुणे. दूध दर के लिए पुणे शहर भाजपा की ओर से मांजरी में जोरदार आंदोलन किया गया. शहर भाजपा के नेतृत्व में किए गए इस आंदेालन का नेतृत्व जगदीश मुलिक ने किया.  उन्होंने कहा कि राज्य के  दूध उत्पादक किसान पिछले चार चार महीनों से लॉकडाऊन के कारण  वित्तीय संकट में हैं. इस संदर्भ में लगातार आवाज उठाने के बावजूद राज्य सरकार दूध उत्पादकों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रही. मुलिक ने कहा कि एक ओर जहां मंत्रिमंडल के मंत्रियों के लिए व सरकारी अधिकारियों के लिए बीस-बीस लाख रुपए की आलिशान गाडी खरीदने का  निर्णय राज्य के  मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लेते हैं. लेकिन परेशानी का सामना कर रहे किसानों के लिए दूध का दर तय करने के लिए उनके हाथ से पैसा नहीं निकलता. इसलिए उद्धव साहब भले ही आप खोआ खाएं लेकिन किसानों के लिए दूध का उचित दर तय करें. ऐसी मांग मुलिक ने इस समय की.

 किसानों के लिए सरकार के पास निधि नहीं

मुलिक ने कहा कि ठाकरे सरकार की प्राथमिकता मंत्रियों के लिए आलिशान गाड़ी  खरीदने, मंत्रियों के ऐशो आराम के लिए है या किसानों की मदद करना है, यह समझ में नहीं आ रहा. किसानों के लिए ठाकरे सरकार के पास निधि नहीं है. राज्य के उपमुख्यमंत्री, दुग्ध विकासमंत्री खुद को  किसानों को बेटा मानते हैं पर निर्णय लेते समय किसानों की याद उन्हें नहीं आती. इसलिए इस निष्क्रिय सरकार को जगाने के लिए भारतीय जनता पार्टी  विरोधी पक्षनेता देवेंद्र फडणवीस और प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के  नेतृत्व में राज्य के  हर तहसील में आंदोलन कर रही है. हमने भी पुणे शहर भाजपा शाखा की ओर से पुणे जिले में  सभी जगहों पर आंदोलन किया.  

दुग्धविकास मंत्री के पास भेजा जाएगा खोआ

मुलिक ने कहा कि वडगांव शेरी मतदान क्षेत्र की ओर से शहर भाजपा अध्यक्ष के नाते मांजरी में  आंदोलन का  नेतृत्व उन्होंने किया. उन्होंने कहा कि वे भी किसान हैं, दूध उत्पादक हैं. इसलिए दूध उत्पादकों की समस्याओं की ओर इस गूंगी और बहरी सरकार की ध्यान आकर्षित करने के लिए वे कभी भी दूध नहीं बहा सकते. क्योंकि दूध की हर बूंद के लिए किसानों द्वारा किए जानेवाले परिश्रम का  उन्हें अहसास है. इसलिए सरकार को ध्यान आकर्षित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी, पुणे शहर की ओर से किसानों  द्वारा दिए गए दूध से खोआ तैयार कर मुख्यमंत्री और  दुग्धविकास मंत्री के पास भेजा जाएगा. ताकि किसानों के श्रम से उत्पन्न दूध से बने खोए की मीठा  स्वाद चखकर इस सरकार को किसानों की मेहनत का दाम देने की बुद्धि आए.

वाघोली, कोंढणपुर, कात्रज में भी आंदोलन

मुलिक ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र दूध उत्पादक किसान  संकट में आ गए हैं. दूध उत्पादक किसानों को प्रति लीटर 10 रुपये की दर से अनुदान सीधे उनके बैंक के खाते में जमा किए जाए. दूध पाउडर के निर्यात के लिए प्रति किलो 50 रुपये अनुदान दें, गाय के दूध के लिए प्रति लीटर 30 रुपये दर तय करें. ये मांगें  हमने सरकार के पास रखी. मांजरी के अलावा नसरापुर, बावधन, उरली मंतरवाडी फाटा, वाघोली, कोंढणपुर, कात्रज में भी आंदोलन किया गया. मुलिक ने कहा कि हमें अपेक्षा है कि सरकार जागेगी और दूध उत्पादक किसानों को सही भाव दे. इस आंदोलन में रोहिदास सेठ उंद्रे,स्वप्नील उंद्रे,संतोष खांदवे, संदीप जर्हाड, मनीषा उंद्रे,संतोष राजगुरू, बेबीताई उंद्रे,अर्जुन जगताप, ज्ञानेश्वर शिंदे, विकास उंद्रे,आशा जगताप, रावसाहेब राखपसरे, सुधीर गलांडे,अरविंद गोरे, शांताराम उंद्रे,धनंजय जाधव, भानुदास भोसले,सुशीला पवार, राजू साखरे, संदीप मोझे,दत्ताभाऊ मस्के, राजेंद्र पठारे के साथ पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे.