पुणे. पर्यावरण कानून का उल्लंघन करने के मामले में पुणे के एक बिल्डर पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 5 करोड़ का जुर्माना लगाया है. एनजीटी ने प्रयेजा सिटी प्रोजेक्ट को 5 करोड़ रुपए का अंतरिम भरपाई देने का आदेश दिया है. आने वाले दो महीने में यह रकम महाराष्ट्र प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड में जमा कराने और इसका इस्तेमाल पर्यावरण संवर्धन के लिए किये जाने का आदेश दिया गया है. न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल के एनजीटी बेंच ने यह आदेश दिया है. प्रयेजा सिटी और दो निर्माण कार्य व्यवसायी ने पर्यावरण की दृष्टि से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नहीं लिया था, यह भी सामने आया है.
इस बारे में तानाजी बाबासाहेब गंभीरे ने एनजीटी के पास याचिका दाखिल की थी. प्रयेजा सिटी की बिल्डिंग के निर्माण में प्रदुषण नियंत्रण के नियमों का उल्लंघन किया गया है. भूजल के लिए केंद्रीय भूजल स्टॉक समिति की परमिशन नहीं ली गई थी. प्रोजेक्ट के लिए जो पेड़ तोड़े गए उसकी जगह पर नई पेड़ नहीं लगाई गई.
सोसाइटी में वाटर प्यूरीफिकेशन प्रोजेक्ट भी नहीं बनाया
इसके साथ ही सोसाइटी में वाटर प्यूरीफिकेशन प्रोजेक्ट भी नहीं बनाया गया. इस तरह की शिकायत याचिका में की गई थी. पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन करने के लिए किये गए खर्च का ढाई गुना ज्यादा रकम नुकसान भरपाई के रूप में वसूलने के आदेश दिये गए हैं. जुर्माने का 5 करोड़ रुपए का इस्तेमाल किसी स्वतंत्र प्रोजेक्ट के लिए करने की बात बोर्ड को कही है.