अभय’ योजना के लिए देखनी होगी और 2 माह राह!

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– स्थायी समिति में नहीं हो पा रहा फैसला  

पुणे. शहर के कई नागरिक टैक्स भरने को लेकर उदासीन दिखते हैं. इस वजह से उनके पास वर्षों की राशि बकाया पड़ी हुई है. आगामी काल में इस तरह की नौबत ना आए, इसलिए महापालिका प्रशासन ने इन बकायेदारों के लिए अभय योजना शुरू की है, लेकिन अब इस अभय योजना की वजह से मनपा का ही नुकसान हो रहा है. इससे पहले 2015 व 2016 साल में मनपा द्वारा यह योजना लागू की थी. इससे मनपा को ज्यादा फायदा नहीं हुआ था. इस वजह से अब जारी साल में पुणेकरों को अभय योजना का लाभ देना उचित नहीं होगा. ऐसा महापालिका प्रशासन का मानना है. 

सर्वदलीय नगरसेवकों ने अभय योजना लागू करने से संबंधित प्रस्ताव दिए थे. इस पर प्रशासन ने अपनी राय दी है. अभय योजना लागू करने के लिए प्रशासन पूरी तरह से नकारात्मक है. इस बीच अब इससे संबंधित और कई  प्रस्ताव नगरसेवकों द्वारा स्थायी समिति के गुरूवार के समक्ष रखे गए हैं, लेकिन समिति इस पर कोई निर्णय नहीं ले पा रही है. समिति ने सभी प्रस्ताव 2 माह के लिए आगे बढ़ाया गया हैं.  

नगरसेवकों द्वारा की जा रही है मांग

ज्ञात हो कि शहर के कई नागरिक टैक्स भरने को लेकर उदासीन दिखते हैं. इस वजह से उनके पास वर्षों की राशि बकाया है. इसलिए महापालिका प्रशासन को बाद में इन लोगों से वसूली करने के लिए विभिन्न योजनाएं अपनानी पड़ती है. आगामी काल में इस तरह की नौबत ना आए, इसलिए महापालिक प्रशासन ने इन बकायेदारों के लिए अभय योजना शुरू कर दी जाती है, लेकिन प्रशासन द्वारा विगत 2 सालों से यह योजना मुहैया नहीं की है. इस वजह से लोगों पर टैक्स का काफी बोझ आ रहा है. महापालिका का टैक्स उचित समय में ना भुगतान करने की वजह से लोगों पर प्रति माह 2 प्रतिशत का दंड निर्धारित किया जाता है. साल भर में ऐसे कुल 24 प्रतिशत दंड का बोझ नागरिकों पर आता है. जो पूरी तरह से गलत है. इसको लेकर मुंबई मनपा ने जिस तरह से अभय योजना लागू की है, उसी तर्ज पर पुणे मनपा भी अभय योजना लागू करें. ऐसी मांग राष्ट्रवादी कांग्रेस, कांग्रेस, भाजपा के नगरसेवकों द्वारा की गई हैं.

प्रशासन पूरी तरह से नकारात्मक

मनपा प्रशासन की ओर से ये लोग राशि भरें, इसके लिए सन 2015 में अप्रैल व मई माह में अभय योजना शुरू की थी. 1 से 25 हजार रुपए का तक टैक्स होनेवाले लोगों के लिए यह अभय योजना शुरू कर दी थी. इससे मनपा को करीब 387 करोड़ की राश मिली थी.  इस अभय योजना के तहत 1 माह में अगर बकायेदार उनकी बकाया राशि भर देंगे, तो उन्हें 75 प्रतिशत की सहूलियत दी गयी थी. साथ ही जो लोग दो माह में राशि भरेंगे, उन्हें 50 प्रतिशत की सहूलियत दी गयी थी. उसके बाद 2016 में भी प्रशासन द्वारा यह योजना लागू की गई थी. लेकिन प्रशासन का मानना है कि इससे मनपा को ज्यादा फायदा नहीं हो पाया था. साथ ही लोग योजना पर ही अवलंबित रहते है व टैक्स का भुगतान नहीं करते. इससे मनपा का ही नुकसान होता है. इस वजह से अभय योजना लागू ना करना ही उचित होगा, ऐसी राय मनपा प्रशासन द्वारा दी गई है. यह राय मनपा प्रशासन द्वारा स्थायी समिति के समक्ष रखी है. इस बीच अब इससे संबंधित और कई  प्रस्ताव नगरसेवकों द्वारा स्थायी समिति के गुरूवार के समक्ष रखे गए हैं. लेकिन समिति इस पर कोई निर्णय नहीं ले पा रही है. समिति ने सभी प्रस्ताव 2 माह के लिए आगे खिसकाए हैं.