Husband and wife should take care of these things during Navratri

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-सीमा कुमारी

नवरात्रि हिंदुओ का एक महवपूर्ण त्यौहार है. माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. इसे साल में दो बार मनाया जाता है. नवरात्रि में महिलाओं के साथ- साथ कई पुरुष  भी उपवास रखते हैं. नवरात्रि में कन्या भोज करवाया जाता है. इतना ही नहीं इस समय सात्विक भोजन करने की सलाह के साथ यौनाचार्य को वर्जित माना जाता है. पर क्या आप इसके पीछे छिपे कारण को जानते हैं? चलिए हम आपको बताते है क्यों-

जिस घर में नवरात्रि का पूजन किया जाता है, उस घर में पति पत्नी को इस खास समय यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए. जो लोग इस नियम का पालन नहीं करते हैं, उनका मन मां की अराधना में नहीं लगता है और अपनी रोजमर्रा जिंदगी में परेशान रहते है. ऐसा करने वाले लोगों का मन परेशान रहता है. जिसकी वजह से उनका साधना में मन नहीं लगता है. नवरात्र के दौरान जो लोग व्रत रखते हैं, उनके शरीर की ऊर्जा में कमी आ जाती है. जिसकी वजह से वो मानसिक और शारीरिक तौर पर यौनाचरण के लिए तैयार नहीं हो पाते है. यही वजह है कि नवरात्रि के खास समय में लोगों को खुद पर संयम रखने के लिए कहा जाता है.

धार्मिक दृष्टिकोण की बात करें तो नवरात्र के दिनों में माँ धरती पर वास करती हैं. माता का अंश हर स्त्री में मौजूद होता है. यही वजह है कि इस समय सुहागन महिलाओं को सुहाग सामग्री देने की भी परंपरा है. जिसकी वजह से नवरात्र में व्यक्ति को खुद पर संयम और ब्रह्म्चर्य का पालन करने के लिए कहा जाता है. हर साल दो बार नवरात्र के दौरान आश्विन और चैत्र के समय ऋतु परिवर्तन होता है. आश्विन नवरात्र के साथ शीत ऋतु का आगमन होता और चैत्र नवरात्र के साथ ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है. यही वो मौसम होता है, जब सबसे ज्यादा संक्रमण होने का खतरा बना रहता है. हमारे ऋषि-मुनियों ने आने वाले मौसम के लिए अपने शरीर को तैयार करने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इन नौ दिनों व्रत और साधना करने का विधान बताया है. जिसमें यौनाचरण से भी बचने कि लिए कहा गया है.