Pregnant women should increase their immunity in this way

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-सीमा कुमारी

आयुर्वेद के अनुसार शरीर में रस, खून, मांस, फैट, अस्थि, मज्जा और शुक्र, ये सात धातुएं हैं. रोजाना अलग-अलग कामों में इन सबका इस्तेमाल होने से इनका क्षय होता रहता है. हम खाने-पीने के रूप में जो भी अलग-अलग पदार्थ लेते रहते हैं, उनसे इन क्षतियों की पूर्ति होती रहती है. अगर आपका पाचन मजबूत है तो संक्रमण आपके शरीर तक नहीं पहुंच पाता |

आज पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही है, बच्चे, बूढ़े, स्त्री, पुरुष सभी किसी न किसी तरह से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में लगे है. कोई फलों का सेवन कर रहा है तो, कोई मॉर्निंग वॉक से अपनी सेहत बनाने में लगा है. आज के समय में बहुत से डॉक्टर की यह सलाह है की अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आप हल्दी, अदरक, सोंठ, पीपली, काली मिर्च से बने देसी काढ़े का सेवन करें, लेकिन अगर हम गर्भवती महिलाओं की बात करें तो उनके लिए यह सभी चीज़ें बहुत हानिकारक हैं, क्योंकि इनकी तासीर बहुत ही गर्म होती है. 

इसलिए आज हम कुछ ऐसे घरेलु और आयुर्वेदिक नुस्खों के बारे में जानेंगे, जिससे एक गर्भवती महिला अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सके, ताकि वो और उनका बच्चा दोनों बीमारियों से सुरक्षित रहें. 

  • प्राणायाम: प्राणायाम करने से हमारे फेफड़े स्वस्थ रहते हैं जिस से श्वसन क्रिया बेहतर रहती है. इसलिए आपको रोज़ाना प्राणायाम, अनुलोम विलोम या नाड़ी शोधन नियम से करना चाहिए.
  • आंवले का मुरब्बा: आंवला हमारी रोग रातिरोधक क्षमता को बढ़ाता है इसलिए रोज़ सुबह कच्चा आंवला या आंवले का मुरब्बा खाएं. रात के समय में दूध में शतावरी पाउडर मिला कर पिएं .अगर आपको कोई लक्षण नज़र आ रहे है तो गिलोयवटी और संशमनीवटी का सेवन करें.
  • बीटरूट: इसमें आयरन, पोटैशियम व विटामिन सी होता है. यह लिवर को डिटॉक्स करता है और इम्यून सिस्टम को स्वस्थ रखता है.
  • छाछ का सेवन ज़रूर करें: बराबर मात्रा में दही और पानी मिला कर अच्छे से मथ लें और उस में नमक और एक चुटकी काली मिर्च डालकर पियें.
  • शहद: इसमें प्राकृतिक शर्करा व कार्बोहाइड्रेट होेता है, जो शरीर में आसानी से अवशोषित हो कर इंस्टेंट एनर्जी देते हैं. जिसका असर लंबे समय तक रहता है और  एथलीट व रनर्स अपनी डेली डायट में इसका उपयोग करते हैं. यह स्ट्रेस बूस्टर व एंटीसेप्टिक भी है.
  • भोजन में दूध और मौसमी फलों का सेवन करें: भोजन में दूध का सेवन ज़रूर करें और तरबूज, खरबूजा, लीची आदि जैसे मौसमी फलों का सेवन करें. जिससे आपके शरीर में विटामिन सी की कमी पूरी हो, बेमौसमी फलों को खाने से बचे.
  • खीरा: यह ठंडी प्रकृति का, डाययूरेटिक  व त्वचा के लिए फ़ायदेमंद होता है. खीरे का ताज़ा रस सीने की जलन, एसिडिटी, एक्ज़िमा, आर्थराइटिस, गेस्ट्राइटिस व अल्सर में भी फ़ायदा पहुंचाता है.और शरीर का पानी की मात्रा बरकरार रखता है.
  • तुलसी की चाय: तुलसी  के पत्तें आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है. इसी के साथ यह तनाव के स्तर को कम करती है और ब्लड शुगर के लेवल को भी कंट्रोल करने में मदद करती है.तुलसी के चार-पांच पत्तें लें और उन्हें पहले से उबले हल्दी वाला दूध-हुए पानी में 10 मिनट के लिए ढक कर रख दें. गुनगुना होने के बाद चाय के तरह इसे पिए.

खासतौर से कमज़ोर इम्युनिटी वाले लोग आसानी से किसी भी वायरस का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में उन्हें हल्दी वाला दूध पीने की ज़रूरत है. एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टेरियल गुणों से भरपूर हल्दी में दूध मिलाकर पीने से हमारे अंदर के बैक्टेरिया नष्ट होते हैं साथ ही शरीर व अंदरुनी दर्द भी कम होता है और रात को नींद भी अच्छी आती है.