आज कल का प्यार कोई प्यार होता है, जो चार दिन भी नहीं टिक पाता। प्यार में लोग क्या-क्या क़सीदे नहीं पढ़ते और कितने ही कसमें वादे कर लेते हैं, लेकिन कहते हैं न, “चार दिन की चांदनी फिर अँधेरी रात…”
लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो आखरी सांस तक एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ते। ऐसी ही एक कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं। न्यूयॉर्क के एक फेमस फेसबुक पेज “Humans of NewYork” पर एक बेटी ने अपने मां-पापा की लव स्टोरी शेयर की है।
बेटी ने प्यार के कुछ ऐसे किस्से शेयर किए जो आजकल देख पाना मुश्किल है। यह एक इंडियन कपल की कहानी है। पत्नी को ब्रेन ट्यूमर था और पति ने वादा किया था कि ‘तुम्हें अकेले नहीं जाने दूंगा। तुम्हारे साथ ही आऊंगा।’ और नियति भी उनके साथ थी, जैसा उन्होंने चाहा वैसा ही हुआ।
चलिए जानते हैं आगे की कहानी बेटी की ज़ुबानी:
उनकी पाँच बेटियाँ थीं और जब भी काम के बाद घर आते, हम सब लाइन अप होकर उन्हें किस करने के लिए खड़े हो जाते। लेकिन वह हमेशा पहले माँ को ही किस करते, क्योंकि वह उनका 'पहला प्यार' थीं। हम अगर कहीं फैमिली टूर पर भी जाते, तो पापा पूरे रास्ते में मां के लिए फिल्मी गीत गाते। वह हर पल उन्हें खुश करने का प्रयास करते रहते। जब से मां का ब्रेन ट्यूमर का इलाज शुरू हुआ तब से वह पूरा दिन उसका हाथ पकड़ कर बैठे रहते। हर सर्जरी के बाद मां की हालत बिगडने लगी। पापा रोज मां को धार्मिक किताबें पढ़ कर सुनाते। मेरे पिता बहुत ही अच्छे व्यक्ति थे। मेरी मां ने अपनी पूरी जिंदगी पिता के नाम कर दी। वह उसी तरह तैयार होती, जैसा डैड को पसंद था। मेरे पिता भी मम्मी को बहुत प्यार करते थे। हर सर्जरी के बाद मां कमज़ोर होती जाती थी। इसलिए पापा हमेशा उनका हाथ पकड़े रहते थे। कुछ रातें वह अपनी कुर्सी पर बैठे-बैठे सो कर ही निकाल लेते। मां के अंतिम क्षणों में पापा एक दिन उनके पास गए और फुसफुसाया: तुम अकेले नहीं होगी। मैं तुम्हारे साथ आ रहा हूँ। मां की मौत के बाद दो दिन तक पापा ने किसी से बात नहीं की। तीसरे दिन अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी। जब तक एम्बुलेंस आई, पापा ने अपना दम तोड़ दिया था। मेरे माता-पिता एक दूसरे को काफी प्यार करते थे। वह एक दूसरे के साथ जीयें और साथ ही में दुनिया छोड़ कर चले गए।
उनकी इस कहानी को लोग काफी पसंद कर रहे हैं और उनके परिवार को प्यार भेज रहे हैं। यह फेसबुक पोस्ट ऐसे प्यार को ज़ाहिर करती है, जिसका मिलना अब थोड़ा मुश्किल है। इसलिए कहते है न… “प्यार जितना भी करो जी भर के करो”, जैसे बाद में शिकायत न रहे की मौका ही नहीं मिला। क्योंकि किसे पता कल हो न हो..