There will never be a mother-in-law rift, learn how

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-सीमा कुमारी  

हम जानते हैं कि शादी जीवन का एक महत्वपूर्ण पार्ट है. जिसमें दो परिवार एक – दूसरे से जुड़ते हैं और अपनी भावनाओं और सम्मान का भी ख्याल रखते हैं. लेकिन इसमें लड़की की कुछ जिम्मेदारियाँ भी होती हैं. वह ये कि, एक नए परिवार और नए लोगों के साथ एडजस्ट करने की, जो दुल्हन यानी लड़की की होती है. चलिए जानते हैं वह कौन -कौन सी बातें हैं जिन्हें अपनाकर रिश्ते में सामंजस्य लाया जा सकता है.

बड़ों को सम्मान देना:

  • परिवार में जितने भी बड़े हैं, उन्हें सम्मान जरूर दे क्योंकि बड़ों का सम्मान करना हमारे धर्म और संस्कार में शामिल है. खासकर आपकी सास का स्वभाव चाहे जैसा मर्जी हो मगर उन्हें हमेशा सम्मान दें. असल में, वे आपसी बड़ी होने के साथ अनुभवी होती है. ऐसे में उनकी बातों को समझने व जीवन में अपनाने की कोशिश करें. उनकी कोई बात गलत लगने पर भी प्यार से उनसे बात करें. अगर उनका स्वभाव गुस्से वाला है तो भी अपना आपा खोए बिना उनके साथ रिश्ता मजबूत करने की कोशिश करें.
  • बहु को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि उसकी पहली प्राथमिकता उसका ससुराल ही रहे मायका नहीं.
  • सास को शादी के बाद बेटे को हर वक़्त अपने नियंत्रण में रखने की बजाय उसे उसकी स्पेस देनी चाहिए, छोटी मोटी बातों पे उसकी ज़िन्दगी में दखल न देकर उसे अपने निर्णय स्वयं लेने दे और इस बात का भी ध्यान रखें कि उसकी पत्नी का भी उसपे उतना ही अधिकार है जितना कि उसकी माँ का.

काम को उन पर न थोपें:

कई बार ऐसा होता है कि सास और बहू किसी काम को करने के लिए एक- दूसरे से उम्मीद लगाई बैठी होती है. मगर इस तरह उस काम को कोई भी नहीं करता है. यहीं चीजें झगड़ा पैदा करने की वजह बनती है. ऐसे में एक- दूसरे से उम्मीद रखने की जगह काम को अपने आप करें. इसके अलावा एक बार बैठ कर घर के कामों को आपस में बांट लें. ताकि बिना किसी लड़ाई के आसानी से घर के काम होते रहे.

गलतफहमी न होने दें:

किसी भी रिश्ते में खटास आने का कारण गलतफहमी होता है . ऐसे में किसी भी बात को आधी- अधूरी सुनकर कोई फैसला न लें . अगर कहीं आपका सास के साथ झगड़ा हो भी जाए तो इनमें किसी और को न आने दें. खुद आमने- सामने बैठकर बात सुलझाने की कोशिश करें. एक- दूसरे को बोलने का मौका दें.  इससे आपके रिश्ते में मजबूती आने के साथ प्यार बढ़ेगा.