These are the reasons why children do not sleep

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-सीमा कुमारी

बहुत सी माएँ यह पाती हैं कि उनके शिशुओं को सोने में परेशानी होती है, खासकर कि वे सोने के लिए पलंग पर जाना नहीं चाहते या फिर वे रात में उठ जाते हैं. कई बार, ये दोनों समस्याएं एक साथ भी हो जाती हैं. आज के इस आधुनिक एवं मॉडर्न जनरेशन में बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी कहीं ना कहीं आलसी होते जा रहे हैं. क्योंकि, बच्चे ही बड़ों की आदतों का अनुसरण करते हैं. इसीलिए खुद भी अपने दैनिक जीवन में सभी कार्यों को समय पर करना चाहिए, ताकि बच्चे भी आपसे कुछ सीख ले सकें. बच्चों के गार्जियन को चाहिए कि समय पर सोये एवं समय पर उठें. आप जितना पंक्चुअल रहेंगे उतना ही आपके बच्चे भी आपको देखकर पंक्चुअल खुद ब खुद ही बनने लगेंगे.

कैसा लगता है जब आप सोना चाहते हैं, लेकिन आपको नींद नहीं आती? जाहिर सी बात है आपको चिड़चिड़ाहट होती होगी. नींद न आने की इस समस्या को “अनिद्रा” कहा जाता है, जो बड़ों के साथ-साथ शिशुओं को भी हो सकती है. कई बार माता-पिता बच्चों की इस समस्या को समझ नहीं पाते, लेकिन अनिद्रा को लेकर शिशुओं पर ध्यान न देने के मामले गंभीर भी हो सकते हैं.

नींद न आने का कारण:

  • निश्चित दिनचर्या का पालन करें: अगर आप सारे दिन शिशु की दिनचर्या एक समान रखें तो, रात को शिशु के सोने का समय तय करने और उसे सुलाने में ज़्यादा मुश्किल नहीं होगी. वह आराम से सो जाएगा. अगर शिशु हर दिन समान समय पर सोए, खाए-पीए, खेले और रात में भी उसे समान समय पर सुलाया जाए, तो पूरी संभावना रहती है कि शिशु बिना किसी परेशानी के आसानी से सो जाएगा.
  • कभी भी बच्चों को डरा कर न सुलाएं: अगर बच्चों में नींद की समस्या को दूर करना है, तो उसका कारण जानना भी जरूरी है. इसलिए कभी-कभी बच्चों की नींद खराब होने की वजह डर भी हो सकता है. बच्चे को अंधेरे से डर या अकेले सोने का डर उनकी नींद खराब कर सकता है. हो सकता है बच्चा अचानक किसी आवाज से डर जाए और जब उसकी नींद खुले, तो अपने आसपास किसी को न पाकर घबरा जाए. इस कारण बच्चे को नींद आने में परेशानी हो सकती है.
  • भूख भी एक कारण होता है: शिशु का पेट अगर सही तरीके से न भरा हुआ हो, तो उसे रात को नींद आने में परेशानी हो सकती है. इसलिए, शिशु को अच्छे से दूध पिलाकर सुलाएं.
  • अपने बच्चों को सोने के वक्त उनका पसंदीदा सामान दें: बच्चों को ज्यादातर उनकी पसंद की चीजें अपने पास ऱखकर सोना अच्छा लगता है. इसीलिए यह जरूरी है, कि बच्चों को सुलाते वक्त उनकी पसंद की वस्तुएं जैसे उनका खिलौना , तकिया आदि उनके सोते वक्त उनके करीब जरूर रखें . ऐसा करने से बच्चों को सोते समय आराम महसूस होता है और वे खुद को शांत महसूस करके सो जाते हैं.