Astrology is becoming such a rare coincidence after 200 years, auspicious time to do auspicious work

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कई दशकों के बाद आ रहा है ऐसा दुर्लभ संयोग जिसे हम संजीवनी काल कह सकते हैं। यदि हम पिछले 200 साल की ज्योतिष गणना देखें तो 6 ग्रह अपनी राशि में रहेंगे जिसमें रवि सिंह राशि में, चंद्रमा कर्क राशि में, मंगल अपनी ही राशि मेष में, बुध कन्या में, गुरु धनु राशि में, शनि भी अपनी राशि में, मकर में भ्रमण कर रहे हैं। राहु अपनी उच्च राशि मिथुन व केतू धनु राशि में अभी विराजमान है। ऐसा अद्भुत योग पिछले 200 वर्षो में व आने वाले सन 2250 तक नहीं दिखाई देते हैं। 

भगवान राम जी की कुंडली में काफी ग्रह उच्च के थे, शुभ योग बना हुआ था। रावण भी अपने पुत्र मेघनाथ के लिए भी सारे ग्रहों को लाभ स्थान में रखना चाहता था। बोलने का तात्पर्य यह है कि ऐसा शुभ समय मिले तो जीवन में काफी कुछ प्राप्त किया जा सकता है। ऐसे ही शुभ व पवित्र योग 13/9/2020 को 11.5 मिनट सुबह से प्रारंभ होगा। 1.10 मिनट दोपहर तक रहेगा। इस काल को शुभ मतलब संजीवनी समय कहते हैं। इस काल का थोड़ा विवरण जानते हैं। वृश्चिक लग्न होगा दूसरे स्थान धन का होता है। वही गुरु धन भाव में होंगे। तीसरे भाव में पाप ग्रह बलवान होते है, वही शनि बैठे हैं जो कि शुभ हैं।

छठे स्थान में भी पापी ग्रह हो तो काफी अच्छा माना जाता है। शुभ पर विजय प्राप्त होती है। मंगल वही विराजमान है जो कि अति शुभ है। भाग्य स्थान प्रबल हो तो कम परिश्रम में सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। चंद्रमा वही अपने घर में विराजमान होकर आशीर्वाद देंगे। चंद्रमा भाग्य स्थान में अपनी कलाओं से मनोकामना पूर्ण करेंगे। कर्म के बिना इस पृथ्वी पर कोई नहीं जी सकता। कर्म जिसका अच्छा होता है उसकी आय, मान-सम्मान में वृद्धि होती है। वही सिंह राशि में सूर्य बैठकर जीवन को प्रकाशमान करेगा। जिसकी कुंडली में दसवें स्थान में सूर्य बैठ जाए उसे राजयोग अवश्य प्रदान करते हैं। यह भी अति दुर्लभ योग बनेगा। अब बात करते हैं लाभ स्थान यानी की कुंडली का 11वां स्थान जिसका यह स्थान प्रबल हो उसे भौतिक सुख की कमी नहीं होती है। वही कन्या राशि में बुध स्वग्रही विराजमान होंगे। जिस कुंडली में दूसरा, तीसरा और छठा भाग्य भाव दशम स्थान, एकादशी में सभी स्वगृही गृह बैठक जाए ऐसा दुर्लभ योग कई सदी के बाद आता है।

यह योग में कोई भी जातक बैठकर संकल्प ले ध्यान मग्न जाप कुछ भी अनुष्ठान करें तो मान कर चलिए कि उसकी मनोकामना पूर्ण होगी, क्योंकि इस पवित्र व दुर्लभ शुभ काल में आप जो भी शुभ क्रिया करें, वह फलिभूत होगी। 

उपाय: 

  • इस समय में आप हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं। 
  • इस शुभ बेला में कमला स्रोत का पाठ धन में वृद्धि करेगा। 
  • महालक्ष्मी अस्त्कम का पाठ करने से दारिद्र्य योग में काफी सहयोग मिलकर आय बढ़ेगी।
  • शत्रु बाधा के लिए काल भैरव अस्त्कम पाठ करना चाहिए। 
  • कलह, बाधा, वैवाहिक परेशानी के लिए विष्णु सहत्रनामावली का पाठ करना चाहिए।
  • मनोकामना पूर्ण करने हेतु श्री यंत्र पर कुमकुम अर्चना करें। 
  • स्वास्थ्य संबंधी परेशानी खत्म करने हेतु राम रक्षा स्त्रोत पढ़ें। 
  • 7 प्रकार के अनाज पूर्ण विधि होने के बाद दान कर देना चाहिए।

यही वह शुभ समय है जिसको व्यर्थ ना गवाकर अनुष्ठान व प्रार्थना के लिए निकालना चाहिए। शास्त्र ने विवाह, मांगलिक कार्य ,नया कार्य, मकान बनाने जैसे कई अन्य कार्यो में विघ्न ना आए, इसीलिए सभी इस शुभ मुहूर्त का इंतजार करते हैं ताकि उन्हें शुभ कार्यो में सिद्धि मिले और जीवन सफल हो। ऐसे ही अति दुर्लभ शुभ काल 13/9/2020 को यानी आज हैं। हम सब मिलकर ऐसे पवित्र व शुभ बेला में बड़ी पवित्रता के साथ भक्ति व अनुष्ठान करें तो मान कर चलें कि फलिभूत होगा। सबके जीवन में खुशियां और मनोकामना पूर्ण होगी। आप सभी का जीवन मंगलमय हो इसी आशा के साथ सभी को  नमस्कार। 

राजेंद्र जी 
ज्योतिष शिरोमणि