‘रामनवमी’ पर ऐसे करें हवन, मिलेगी रोग से मुक्ति

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    सनातन हिंदू धर्म के अनुसार, ‘रामनवमी’ (Ram Navami) हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहारों  में से एक है, जो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में हर साल मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष ‘रामनवमी’ का पावन त्यौहार 21 अप्रैल, बुधवार को है।

    शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्रीराम का जन्म त्रेता युग में चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। यही कारण है कि इस तिथि को ‘रामनवमी’ कहा जाता है और भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। सनातन हिंदू धर्म में हवन या यज्ञ का विशेष महत्व है। ऐसे में इस दिन घर में हवन करना या करवाना बहुत शुभ होता है। ऐसा करने से घर में देवी-देवता वास करते हैंं। जिससे घर-परिवार में सुख और शांति बनी रहती है। आइए जानें हवन के लिए शुभ समय, विधि और हवन सामग्री…

    ‘रामनवमी’ हवन-विधि-
    उपासक को चैत्र नवरात्रि की ‘रामनवमी’ के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र पहन लें। उसके बाद शास्त्रों के अनुसार निर्धारित शुभ मुहूर्त में हवन के समय पति-पत्नी को साथ में बैठना चाहिए। हवन के लिए बैठने के पहले साफ़-सुथरे स्थान पर हवन कुंड का निर्माण कर लें। अब पवित्रीकरण एवं षट्कर्म करके सभी देवताओं का आह्वान करें। उसके बाद हवन-कुंड में आम की लकड़ी और कपूर से अग्नि प्रज्वलित करें। इसके बाद हवन-कुंड में सभी देवी- देवताओं के नाम की आहुति डालें।

    हवन सामग्री-

    • आम की लकड़ी, 
    • आम का पल्लव,
    • चंदन की लकड़ी,
    • पीपल का तना,
    • बेल,
    • अश्वगंधा कपूर
    • तिल,
    • जौ,
    • चावल,
    • घी,
    • इलायची, 
    • शक्कर,
    • पंचमेवा,
    • जटाधारी नारियल,
    • नारियल गोला,
    • गंगा जल,
    • कलावा आदि।

    -सीमा कुमारी