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    -सीमा कुमारी

    हिंदू धर्म में शिवरात्रि व्रत का विशेष महत्व है। इस साल ‘महाशिवरात्रि’ का महापर्व 11 मार्च, गुरुवार को है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस साल ‘महाशिवरात्रि’ (Mahashivraatri) के कई शुभ संयोग बताए जा रहे हैं। उनका कहना है कि इस ‘महाशिवरात्रि’ पर ‘शिव योग’ (Shiva Raatri Shiva Yoga) के साथ ‘घनिष्ठा नक्षत्र’ होगा, और चंद्रमा मकर राशि में विराजमान रहेंगे। ‘महाशिवरात्रि’ का पर्व भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए शिवभक्त उनकी विधि-विधान से पूजा करते हैं। सनातन हिंदू धर्म में ऐसा मानते हैं कि ‘महाशिवरात्रि’ के दिन व्रत रखने से जातकों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। लेकिन भगवान शिव की पूजा में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। भगवान शिव को पूजा में ये चीजें भूलकर भी न चढ़ाएं…

    • ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा में टूटे हुए अक्षत भूलकर भी नहीं चढ़ाने चाहिए। क्योंकि, टूटा हुआ चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है। इसलिए यह शिवजी को नहीं चढ़ाया जाता है। इसलिए पूजा में उपयोग होने वाले अक्षत साबूत होने चाहिए।
    • गुरुजनों का मानना है कि हिन्दू धर्म में तुलसी का विशेष महत्व होता है और सभी तरह के पूजा-पाठ और शुभ कार्यों में इसका प्रयोग होता है। लेकिन, तुलसी को भगवान शिव पर चढ़ाना मना है। भगवान शिव को पूजा में बेल-पत्र चढ़ाना चाहिए। तुलसी भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए।
    • धार्मिक मान्यता अनुसार, ‘महाशिवरात्रि’ पर शिव-उपासना में शंख का इस्तेमाल वर्जित माना गया है। दरअसल इसके पीछे एक पौराणिक कथा है।
    • भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था, जो भगवान विष्णु का भक्त था। शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है। इसलिए शिवजी की पूजा में शंख का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
    • कहा जाता है कि जगत के संहारक भोलेनाथ को कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि कुमकुम सौभाग्य का प्रतीक है, जबकि भगवान शिव वैरागी हैं। इसलिए शिव जी को कुमकुम और हल्दी भी नहीं चढ़ाना चाहिए , बल्कि सफेद चंदन चढ़ाएं।