आज है दुर्गा अष्टमी, जाने पूजा की विधि और महत्व

हर माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी (आंठवी तारीख) तिथि कोदुर्गा अष्टमी की पूजा की जाती हैं इसे मासिक दुर्गा अष्टमी कहा जाता है। मासिक दुर्गाष्टमी के दिन की जाने वाली व्रत और पूजन का बहुत ही ख़ास महत्व है।

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हर माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी (आंठवी तारीख) तिथि कोदुर्गा अष्टमी की पूजा की जाती हैं इसे मासिक दुर्गा अष्टमी कहा जाता है। मासिक दुर्गाष्टमी के दिन की जाने वाली व्रत और पूजन का बहुत ही ख़ास महत्व है। हर महीने दुर्गाष्टमी होती है लेकिन यदि बात की जाए महत्वपूर्ण ‘महाष्टमी’ की तो वो आश्विन महीने में शारदीय नवरात्रि के दौरान आती है।

पूजा की विधि: नवरात्री में आने वाली दुर्गाष्टमी का एक बहुत ही खास मह्त्व है। ऐसा माना जाता है कि यदि आप यह व्रत त्यौहार पूरी श्रद्धा के साथ रखें तो आपको मन चाहा आशीर्वाद मिल सकती है। इस दिन सबसे पहले उठकर घर और पूजा स्थल की साफ-सफाई करने के बाद नहाना चाहिये। उसके बाद पूजा के स्थान को गंगाजल डालकर उसको पवित्र करना चाहिये। अब एक लकड़ी के पाट को बिछाकर उसे लाल वस्त्र से सुस्जिजत करें।

अब उस पर माँ दुर्गा की प्रतिमा या फिर चित्र की स्थापना करें। उसके बाद दुर्गा माता को अक्षत,सिन्दूर और लाल पुष्प चढातें हुये प्रार्थना करे। प्रसाद के रूप में आप फल और मिठाई का भोग लसा सकते है। धुप और दीपक को जला कर आरती उतारते हुये घर के सभी कोनों को महका दें। इस दिन दुर्गा चालीसा का पाठ करने का विशेष महत्तव है। पूजा का समापन माता जी की आरती करते हुये और दोनों हाथों को जोड़कर करना चाहिये।