इस मंदिर में होता है अद्भुत चमत्कार, भक्तों को साक्षात दर्शन देते हैं शनिदेव

हिंदू धर्म में शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा का दिन बताया गया है। कहते है कि जो लोग अपनी कुडंली से शनि की दशा को सुधारना चाहते हैं वे शनिवार के दिन शनि मंदिर जरूर जाएं। हम आपको ऐसे चमत्कारी मंदिर के

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हिंदू धर्म में शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा का दिन बताया गया है। कहते है कि जो लोग अपनी कुडंली से शनि की दशा को सुधारना चाहते हैं वे शनिवार के दिन शनि मंदिर जरूर जाएं। हम आपको ऐसे चमत्कारी मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जहां साल में एक बार शनिदेव दर्शन देने आते है। देवभूमि उत्तराखंड के खरसाली में शनिदेव का धाम है। यह मंदिर समुद्री तल से करीब 7000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।

कहा जाता है कि इंसान शनिदेव की नजरों से नहीं बच सकता। खरसाली में स्थित मंदिर का अपना अलग ही महत्व है। यहां अखंड ज्योति मौजूद है। मान्यता है कि इस अखंड ज्योति के दर्शन मात्र से ही जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं। खरसाली में ही मां यमुना अपने शीतकाली प्रवास के लिए आती है और खास बात ये ही खरसाली में मां यमुना के भाई शनिदेव भी मौजूद हैं। ये मंदिर लकड़ी के पत्थरों से तैयार किया गया है। इसकी कलाकृति बेहद ही प्राचीन है। यमनोत्री धाम से 5 किलोमीटर पहले ये मंदिर पड़ता है। हर साल यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते रहते हैं। यहां शनि देव 12 महीने विराजमान रहते हैं।
 
हालांकि कुछ इतिहासकार की मान्यता है कि यह मंदिर पांडवकाली है। वहीं कहा जाता है कि साल में एक बार यहां चमत्कार होता है। एक दिन यहां शनि देव के मंदिर के ऊपर रखे घड़े खुद बदल जाते है। ये कैसे होता है, इस बारे में अब तक लोगों को कोई जानकारी नहीं है। ये दिन भी बेहद खास होता है यह चमत्कार कार्तिक पूर्णिमा के दिन होता है। वहीं वैज्ञानिक भी इस चमत्कार का पता लगाने में असफल रहें है। माना जाता है कि यहां की अखंड ज्योति के दर्शन करने से ही शनि की बाधा दूर हो जाती है। खरसाली में मौजूद इस मंदिर के बारे में मनुष्य के हार पाप को हिसाब होता है।