वट सावित्री व्रत के दिन पहला सूर्य ग्रहण, जानें महिलाएं कब और कैसे करें पूजा

    Loading

    -सीमा कुमारी

    सुहागिन महिलाओं का पावन त्यौहार ‘वट सावित्री व्रत’ (Vat Savitri Vrat) इस साल 10 जून, यानी अगले गुरुवार को है। पंचांग के अनुसार, ‘वट सावित्री व्रत’ (Vat Savitri Vrat) हर साल ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि के दिन रखा जाता है। मान्यताओं के मुताबिक, ‘वट सावित्री’ का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और संतान प्राप्ति एवं उज्जवल भविष्य के लिए रखती हैं।

    इस साल ‘वट सावित्री व्रत’ के दिन ही साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है। साथ ही इस दिन ‘शनि जयंती’ (Shani Jayanti) भी मनाई जाएगी। ऐसे में यह दिन भक्तों के लिए बेहद शुभ एवं मंगलकारी भी बताया जा रहा है। वट सावित्री व्रत और सूर्य ग्रहण दोनों एक ही दिन पड़ रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार, सूर्य ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ एवं मांगलिक अनुष्ठान नहीं किए जाते है। कई महिलाओं के मन में सवाल होगा, कि क्या इस दौरान पूजा की जा सकती है या नहीं।

    गौरतलब है कि 10 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण अमेरिका, यूरोप और एशिया में आंशिक तौर पर दिखाई देगा। जबकि, ग्रीनलैंड, उत्तरी कनाडा और रूस में पूर्ण सूर्य ग्रहण का नजारा देखने को मिलेगा। इस बार का सूर्य ग्रहण भारत के केवल अरुणाचल प्रदेश में आंशिक तौर पर दिखाई देगा। इसलिए,   हिन्दू पंचांग के मुताबिक, सुहागिन महिलाएं ‘वट सावित्री व्रत’ की पूजा पूरे विधि -विधान के साथ कर  सकती हैं। पूजा करने में किसी प्रकार का दोष नहीं होगा। पंचांग के मुताबिक सूर्य ग्रहण 10 जून को दोपहर 01: 42 बजे से शुरू होगा और शाम 06:41 बजे समाप्त होगा।