Holashtak
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    -सीमा कुमारी

    रंगों का त्योहार ‘होली’ (Holi) हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जो हर साल की फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है। इस साल होली 29 मार्च (29 March) सोमवार को है। इसके ठीक एक दिन पहले ‘होलिका दहन’ (Holika Dahan) 28 मार्च को मनाया जाएगा। होली का त्योहार दो दिन का होता है। पूर्णिमा तिथि के दिन प्रदोष काल में होली पूजा और होलिका दहन होता है और अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है. जिसे धुलण्डी भी कहा जाता है। 

    हिंदू धर्म में ‘होलाष्टक’ का विशेष महत्व होता है। ऐसा कहा जाता है कि ‘होलाष्टक’ में कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। इस वर्ष ‘होलाष्टक’ पंचांग के अनुसार 21 मार्च से आरंभ होंगे और 28 मार्च को होलिका दहन के साथ ही ‘होलाष्टक’ का समापन होगा।’ होलाष्टक’ आठ दिनों तक होता है। इसलिए इसे होलाष्टक कहा जाता है। चलिए जानें ‘होलिका दहन’ का शुभ मुहूर्त और पूजन सामग्री के बारे…

    शुभ मुहूर्त-

    • पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – मार्च 28, 2021 को 03:27 बजे
    • पूर्णिमा तिथि समाप्त – मार्च 29, 2021 को 00:17 बजे

    होलिका दहन 2021-

    • होलिका दहन मुहूर्त – 18:37 से 20:56
    • अवधि – 02 घंटे 20 मिनट

    सामग्री-
    ‘होली’ पर होलिका पूजन की परंपरा सदियों से चली आ रही है। होलिका पूजन कई प्रकार की बाधाओं को दूर कर जीवन में सुख समृद्धि लाती है। होलिका पूजन की सामग्री विशेष होती है। पूजन में गाय के गोबर से होलिका और प्रह्लाद की प्रतिमाएं बनाते हैं। इसके साथ ही फूलों की माला, रोली, फूल, कच्चा सूत, हल्दी, मूंग, मीठे बताशे, गुलाल, रंग, सात प्रकार के अनाज, गेंहू की बालियां, होली पर बनने वाले पकवान, मिष्ठान आदि के साथ होलिका का पूजन किया जाता है। होली का पूजन पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करके करना चाहिए। भगवान नरसिंह की पूजा भी करनी चाहिए।