-सीमा कुमारी
करवाचौथ हिंदू सुहागिन महिलाओं का पर्व है, जो पूरे भारत में हर्ष उल्लास के साथ मानाया जाता है. इस साल करवा चौथ 4 नवंबर को है. यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस व्रत को सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. मान्यतानुसार इस दिन व्रती स्त्रियां पूरे सोलह श्रृंगार करके विधि-विधान से पूजा करती हैं.
पूजा के लिए कलश सजाना और पूजा की थाली तैयार करनी पड़ती है. करवा चौथ को लेकर महिलाएं कुछ दिन पहले से ही तैयारियां शुरु कर देती हैं. सुहागन स्त्रियां करवा चौथ का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाती हैं. लड़कियों के लिए मायके से वस्त्र और सुहाग का सामान आता है. सास की तरफ से सरगी दी जाती है. अगर आप पहली बार करवा चौथ का व्रत करने जा रहे हैं तो इसकी पूरी पूजा सामग्री जानें.
करवा चौथ की थाली में होनी चाहिए ये चीज़ें:
- छलनी
- मिट्टी का टोंटीदार करवा और ढक्कन
- सिंदूर
- दीपक
- शहद
- अगरबत्ती
- पुष्प
- मेहंदी
- कच्चा दूध
- रोली और अक्षत
- शक्कर
- शुद्ध घी, दही
- आटे का दीपक
- आठ पूरियों की अठावरी
- कपूर
- गंगाजल
- सुहाग की सारी चीज़ें जैसे सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ
- मिठाई
- तांबा या स्टील का लोटा
- दक्षिणा
- रुई की बत्ती
- 9 या 11 तीलियां (बॉस की)
देश के कुछ हिस्सों में करवा चौथ व्रत पूजा की थाली को ‘बाया’ भी कहते हैं, जिसमें सिंदूर, रोली, जल और सूखे मेवे भी रहते हैं इसके साथ ही मिट्टी के दीए भी पूजा की थाली में होना जरूरी होते हैं.