Shiv-Jyotirlinga
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    -सीमा कुमारी

    हिन्दू धर्म में सावन का पावन महीना (Sawan Month) विशेष महत्व रखता है। इस साल यह पावन महीना 25 जुलाई, यानी अगले रविवार से शुरू हो रहा है और  22 अगस्त को समाप्त होगा।शास्त्रों के अनुसार, सावन महीने   (Sawan Month) में ही सोमवार के दिन का खास महत्व होता है। कहा जाता है कि, सावन का पावन महीना  मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला दिन होता है। ऐसे में देवों के देव् महादेव की पूजा-अर्चना करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों को जान लेना बहुत आवश्यक है। आइए जानें वो कौन सी महत्वपूर्ण बातें है ?

    भगवान भोलेनाथ को पसंद हैं ये चीजें:

    • भगवान शिव को दूध काफी प्रिय है। मान्यता अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब भोलेनाथ ने विषपान किया तो विष से उनका शरीर जलने लगा था। तब उनकी जलन शांत करने के लिए देवताओं ने उनसे दूध ग्रहण करने का निवेदन किया। दूध पीते ही महादेव के शरीर की जलन समाप्त हो गई।  तब से दूध महादेव को अत्यंत प्रिय है।
    • ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक,जो भी भक्त सावन महीने में भगवान शिव को दूध अर्पित करता है, उसके जीवन में आ रहे कष्ट से मुक्ति मिलती है और मनवांछित फल मिलता है।
    • कहते हैं कि कनेर का फूल भगवान शिव को चढ़ाने से वो शीघ्र प्रसन्न होते हैं, क्योंकि भगवान शिव को कनेर का फूल बहुत प्रिय है। मान्यता है कि सावन भर अगर भगवान शिव की पूजा में यह फूल चढ़ाया जाए, तो भक्त की मनोकामना जरूर पूरी होती है।
    • भगवान शिव को धतूरा, बेलपत्र, चंदन, केसर, भांग, इत्र, अक्षत, शक्कर, दही, घी, शहद, गंगाजल, गन्ने का रस भी बहुत पसंद है।
    • महादेव की पूजा में शंख वर्जित माना गया है। ऐसे में महादेव की पूजा में शंख नहीं बजाना चाहिए।
    • भगवान शिव को  केतकी और केवड़े का फूल कभी नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि महादेव की पूजा में केतकी और केवड़े  के फूल को वर्जित बताया गया है। इसे कभी भी न चढ़ाएं। इन फूलों की जगह  ‘आक’ के फूल चढ़ा सकते हैं। आक का फूल महादेव जी को काफी प्रिय है। आक के फूल चढ़ाने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं।
    • शिव जी को हमेशा चंदन लगाना चाहिए। रोली या कुमकुम का प्रयोग उनकी पूजा में न करें।
    • शिव जी को कभी नारियल या नारियल पानी न चढ़ाएं।
    • तुलसी का पत्ता भी भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए।