-सीमा कुमारी
हिन्दू धर्म में कार्तिक महीना एक पावन महीना होने के साथ ये सिख धर्म का भी एक पावन माह होता है. सिखो के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी का जन्म इस पावन महीने में हुआ था. इसी उपलक्ष्य में सिख समुदाय कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरुनानक जयंती के रूप मनाते है. जिसे प्रकाश उत्सव भी कहते है. गुरुनानक देव जी एक सच्चे देश भक्त थे. जिन्होंने दुनिया में फैले अंधविश्वास, आडंबरों का सख्त विरोध किया था.
उन्होंने परमात्मा एक है का नारा लगाया था. साथ ही लोगों को जीवन में सही रास्ते पर चलने के लिए उपदेश दिए थे. ऐसे में ही हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन दुनियाभर में गुरु नानक देव जी का प्रकाश उत्सव मनाया जाता है.
इस शुभ दिन पर अमृतसर के दरबार साहिब पर खासतौर पर लोग दर्शन करने जाते हैं. गुरु जी ने अपने सारे जीवन में दूसरों की भलाई और उन्हें सही रास्ते पर चलने का संदेश दिया. तो चलिए इस शुभ अवसर पर आपको उनके बताए हुए उपदशों के बारे में बताते हैं.
- गुरु जी के अनुसार, कभी भी किसी के हक का पैसा नहीं छीनना चाहिए. साथ ही जरूरत पड़ने पर दूसरों की मदद करने के लिए हाथ बढ़ाना चाहिए.
- गुरु नानक देव जी ने स्त्री और पुरुष सभी को हमेशा बराबर माना है. ऐसे में कभी भी किसी की निंदा ना करें और ना ही किसी को खुद से छोटा ना समझें.
- अगर किसी को संसार में जीत हासिल करनी है तो सबसे पहले अपने अंदर की बुराईयों को दूर करने की जरूरत है. खुद पर काबू पाकर ही इस संसार में कोई मुकाम हासिल हो सकता है.
- उन्होंने उपदेश दिया था कि जिंदगी में कोई भी काम बिना किसी डर व तनाव मुक्त होकर करना चाहिए. साथ ही बिना भविष्य की सोचे खुशी से अपने कर्मों को करते रहने चाहिए.
- नानक देव जी ने धन को जेब में सीमित मात्रा में रखने की सीख दी. साथ ही कहा था कि इसके पीछे भागने से हमेशा हार ही लगेगी. असल में, मरने के बाद हमारे अच्छे कर्म काम आएंगे ना की पैसा.
- गुरु जी ने धन को कमाने के लिए स्वार्थ व लालच को छोड़कर मेहनत व लगन को अपनाने की सीख दी.