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    -सीमा कुमारी

    हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे का बड़ा महत्व है। इसे धार्मिक पौधा मानकर पूजा भी की जाती है। यह धार्मिक पौधा होने के साथ स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत लाभदायक होता है। ऐसे में इसकी सही देखभाल करना बेहद जरूरी है। लेकिन, कुछ लोगों की शिकायत रहती है उनकी तुलसी बढती नहीं और साथ ही पौधे में कीड़े भी लग जाते हैं। कई उपायों के बावजूद भी हरा-भरा नहीं रहता है।

    आइए जानें आज कुछ घरेलू उपाय के बारे में-

    • तुलसी के पौधे में ज्यादा पानी डालने से पौधे सूख जाते हैं। ऐसे में कम ही पानी दें। इन बातों का विशेष ध्यान रखने से तुलसी सूखेगी नहीं और घर में तुलसी का पौधा हमेशा उपलब्ध रहेगा।
    • तुलसी के पौधे को धूप जरूरी होती है। इसे कम से कम दो घंटे की धूप  जरूर मिलनी चाहिए। लेकिन बहुत ज्यादा तेज धूप व गर्मी से भी इसे बचा कर रखें नहीं तो ये पौधा सूख सकता है।
    • तेज सर्दी तथा ओस तुलसी के लिए नुकसानदेह होती है। इससे पौधा सूख सकता है। तेज सर्दी तथा ओस से तुलसी को बचाने के लिए उसे पतले कपड़े से ढंक दें।
    • पानी में नीम का तेल मिलाकर सप्ताह में दो तीन बार छिड़काव करने से भी काले धब्बे या अन्य रोग खत्म हो जाते हैं। यदि किसी प्रकार की कीटनाशक दवा का उपयोग कर रहें हैं, तो तुलसी के पत्ते खाने में इस्तेमाल ना करें ।
    • तुलसी के पौधे को नाइट्रोजन की आवश्यकता अधिक होती है। इसके लिए दो सप्ताह में एक बार गोमूत्र (एक भाग गोमूत्र और दस भाग पानी के अनुपात में) या कम्पोस्ट खाद कम मात्रा में (दो तीन महीने में एक बार) डाली जा सकती है। तुलसी में केमिकल फर्टिलाइजर का उपयोग न करें।
    • पौधे में जब फूल यानी मंजरी आने लगते हैं, तो पौधे की वृद्धि रुक जाती है। नए पौधे में फूल आने पर उन्हें तोड़ते रहना चाहिए। इससे पौधा घना होता रहता है। हमारी परंपरा के अनुसार इसे तुलसी का बोझ कम करना कहते हैं। तुलसी के फूल, मंजरी या पत्ते नाख़ून से काट कर नहीं तोड़ने चाहिए। इससे तुलसी ख़राब हो सकती है।