Tulsi garland is no less than a panacea, definitely wear

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    -सीमा कुमारी

    सनातन हिन्दू धर्म में तुलसी को बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है। इसे धार्मिक पौधा मानकर पूजा जाता है। यह धार्मिक पौधा होने के साथ स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बहुत लाभदायक पौधा भी है।

    तुलसी का पौधा न सिर्फ धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि आयुर्वेद में भी तुलसी (Tulsi Plant) को बहुत फायदेमंद बताया गया है। हिंदू धर्म में तुलसी की पूजा तो की ही जाती है। इसके साथ ही लोग  ‘तुलसी माला’ से जाप करने के साथ, इसे पहनते भी हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, और नित्य जल चढ़ाया जाता है। और, पूजा की जाती है, उस घर में सदैव माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। मान्यताएं हैं कि ऐसे घरों पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाते रहते हैं। जिस तरह से तुलसी पौध लगाने के फायदे हैं, उसी तरह से तुलसी की माला पहनने के भी कई फायदे होते हैं। आइए जानें इस बारे में –

    • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आमतौर पर तुलसी दो तरह की होती है- ‘श्यामा तुलसी’ और ‘रामा तुलसी’। दोनों ही मालाओं को पहनने के अलग-अलग लाभ होते हैं। कहते हैं,  ‘श्यामा तुलसी’ (Shyama Tulasi) के बीजों की बनी माला पहनने से मानसिक शांति मिलती है। तुलसी माला धारण करने से व्यक्ति के मन में भगवान के प्रति श्रद्धाभाव बढ़ता है। इससे न केवल आध्यात्मिक, बल्कि पारिवारिक और आर्थिक लाभ भी प्राप्त होते हैं।जबकि ‘रामा तुलसी’ (Rama Tulasi) की माला धारण करने से व्यक्ति में सात्विक भावनाएं जाग्रत होती हैं और उसके आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होती है। व्यक्ति अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए अग्रसर होता है। तुलसी की माला पहनने से मन शांत रहता है।
    • धर्म गुरुओं के अनुसार,  सफेद सूत के धागे में तुलसी की लकड़ी की माला बनाकर धारण करने से पीलिया रोग में लाभ मिलता है। तुलसी माला पहनने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है और शरीर और आत्मा निर्मल होती है।
    • तुलसी माला धारण करने के कई नियम भी हैं। तुलसी माला धारण करने से पहले इसे दूध और गंगाजल से धोकर मंदिर में रखें। फिर भगवान विष्णु या श्री कृष्ण भगवान की पूजा करने के बाद इसे धारण करें। कहते हैं, ‘तुलसी माला’ के साथ कभी भी ‘रूद्राक्ष’ (Rudraksh) की माला नहीं पहननी चाहिए। तुलसी माला पहनकर शौचालय नहीं जाना चाहिए।
    • इसके साथ ही तुलसी माला पहनकर प्रणय संबंध (physical relations) भी नहीं बनाने चाहिए। इसके साथ, तुलसी माला पहनने के बाद तामसिक भोजन (non-vegetarian food) भी नहीं करना चाहिए। ऐसा न करने पर जातक को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।