-सीमा कुमारी
हिन्दू मान्यताओं में प्रकृति को अलौकिक दर्जा दिया गया है. हिंदू धर्म में पीपल वृक्ष का बहुत महत्व है. मान्यता है कि इसके पत्ते-पत्ते में देवता का वास रहता है. इसे विश्व वृक्ष, चैत्य वृक्ष और वासुदेव भी कहा जाता है. इसे सभी वृक्ष से शुद्ध और पूजनीय माना गया है. शनिवार के दिन पीपल के पेड़ का बड़ा महत्व है. पीपल का पेड़ भारत, नेपाल, श्रीलंका, चीन और इंडोनेशिया में पाया जाने वाला बरगद, या गूलर की जाति का एक विशालकाय वृक्ष है. जिसे भारतीय संस्कृति में महत्त्वपूर्ण स्थान दिया गया है तथा अनेक पर्वों पर इसकी पूजा की जाती है. बरगद और गूलर वृक्ष की भाँति इसके पुष्प भी गुप्त रहते हैं अतः इसे ‘गुह्यपुष्पक’ भी कहा जाता है.
- जानिए पीपल वृक्ष से क्या फायदे मिलते है?
- हर शनिवार पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाकर सात बार परिक्रमा करने से शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के कुप्रभाव से बचा जा सकता है. शाम के समय पेड़ के नीचे दीपक जलाना भी लाभकारी सिद्ध होता है.
- अमावस्या तिथि पर पीपल के वृक्ष में स्वयं भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी का वास होता है. इसलिए इस तिथि पर पीपल पूजा से गरीबी दूर हो सकती है.
- यदि आपका कोई कार्य बहुत लंबे समय से किसी कारणवश पूरा नहीं हो पा रहा है तो उसे सिद्ध करने के लिये एक बड़ी-सी कील लें और पीपल के पेड़ के पास जाकर उसकी जड़ में मिट्टी के अन्दर कील ठोंक दें. ध्यान रहे पेड़ की जड़ में कील नहीं ठोकनी है, मिट्टी के अंदर ठोकनी है. कील गाडते समय आपका जो भी काम है, उसे पूरा करने के लिये पीपल के पेड़ से निवेदन करें. आपके कार्य जल्दी ही सिद्ध होंगे और जब आपका काम पूरा हो जाये तो उस कील को मिट्टी में से निकालकर बहते पानी में प्रवाहित कर दें.
- त्वचा का रंग निखारने के लिए भी पीपल की छाल का लेप किया जा सकता है. इसके अलावा यह त्वचा की झुर्रियों को कम करने में भी मदद करता है.
- जो व्यक्ति अपने जीवन में पीपल का पेड़ रोपण करता और समय-समय पर जल देता है तो उसका जीवन खुशियों से भर जाता है. उसे आजीवन ना तो आर्थिक समस्या होती है ना कोई अन्य दुख सताता है. वृक्ष जैसे-जैसे बड़ा होगा उसका खुशहाल परिवार और फलता-फूलता जाएगा.