जून में हैं कई बड़े व्रत और त्योहार, यहां है पूरी लिस्ट

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    – सीमा कुमारी

    सनातन हिंदू धर्म में जून महीना बेहद शुभ एवं पावन महीना होता है,क्योंकि,इस महीने कई महत्वपूर्ण त्योहार एवं व्रत पड़ते हैं। दरअसल,  व्रत-त्योहार के अलावा, इस महीने ‘सूर्य-ग्रहण’ (Solar Eclipse) भी लग रहा है। ऐसे में यह महीना श्रद्धालुओं के लिए बेहद शुभ हो सकता है। आइए जानें इस महीने के प्रमुख त्योहार और उनकी तिथियां-

    • ‘कालाष्टमी पर्व’ 2 जून को है। इस दिन भैरव बाबा के लिए ‘कालाष्टमी व्रत’ (Kalashtami) रखा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रति माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को यह व्रत रखा जाता है।
    • ‘अपरा एकादशी’ (Apara Ekadashi) 6 जून को है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को ‘अपरा एकादशी’ अथवा ‘अचला एकादशी’ के नाम से जाना जाता है। सनातन मान्यता के अनुसार, एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
    • ‘सोम प्रदोष’ व्रत 07 जून को रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
    • ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि 8 जून को पड़ेगी। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का तो महत्व माना ही जाता है लेकिन हर माह पड़ने वाली शिवरात्रि भी बहुत महत्व रखती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है।
    •  10 जून- ‘वट सावित्री’ (Vat Savitri) व्रत, रोहिणी व्रत, अमावस्या, शनि जयंती, 2021 का पहला सूर्य ग्रहण।
    • ‘विनायक चतुर्थी’ 14 जून को है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से जातकों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। 
    • ‘महेश नवमी’ 19 जून को है। प्रति वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी पर्व मनाया जाता है। माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति भगवान शिव के वरदान स्वरूप मानी गई है, जिसका उत्पत्ति दिवस ज्येष्ठ शुक्ल नवमी है।
    • ‘गंगा दशहरा’ पर्व 20 जून को है। ‘गंगा दशहरा’ (Ganga Dussehra) का पर्व हर वर्ष ज्येष्ठ माह की दशमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी तिथि पर मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं। इस दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। 
    • ‘निर्जला व्रत’ (Nirjala Vrat) 21 जून को रखा जाएगा। ज्येष्ठ मास में शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी और भीमसेनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस एकादशी व्रत में पानी पीना वर्जित माना जाता है इसलिए इस एकादशी को ‘निर्जला एकादशी’ कहते हैं। 
    • गायत्री का पर्व 21 जून को है। यह पर्व मां गायत्री का जन्मोत्सव है। मां गायत्री को वेद माता भी कहा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार गायत्री जयंती का पर्व प्रति वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है।
    • भौम प्रदोष व्रत 22 जून को रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
    • ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि 24 जून को पड़ रही है।धार्मिक मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन स्नान और दान-धर्म करने का विधान है। इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। 
    • 27 जून- ‘संकष्टी चतुर्थी’, यह तिथि गणेश भगवान को समर्पित है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और गणेश भगवान की पूजा अर्चना करते हैं।