यह हैं देश में स्थित 12 ज्योतिर्लिंग, जानें इनकी विशेषता

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    हिन्दू धर्म में साल के शुरू होते ही त्यौहार भी शुरू हो जाते हैं। ऐसे में महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का विशेष पर्व इस साल 11 मार्च (11 March) को मनाया जाएगा। यह त्यौहार सनातन धर्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। शिव के प्रतीक शिवलिंग (Shivalinga) का पंचामृत से अभिषेक करवाया जाता है, फिर उनका श्रृंगार किया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन शिव और शक्ति का विवाह हुआ था और यह उनके मिलन का दिन है। तो चलिए आपको इस शुभ दिन पर बताते हैं देश में मौजूद 12 ज्योतिर्लिंग (12 Jyotirlinga) के बारे में। जहाँ महाशिवरात्रि के दिन भक्तों का तांता लगा रहता है।

    1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग (गुजरात) 

    सोमनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है, जो गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में समुद्र किनारे स्थित है। मान्यता है कि, यहां चंद्रमा ने भगवान शिव को आराध्य मानकर पूजा की थी और चंद्रमा को सोम भी कहा जाता है। इसलिए इसी नाम पर इस ज्योतिर्लिंग का नाम सोमनाथ पड़ा। 

    2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग (आंध्र प्रदेश)

    मल्लिकार्जुन मंदिर आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में कृष्णा नदी के तट पर स्थित है। माना जाता है कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन से सात्विक मनोकामनाएं पूरी होती हैं और दैहिक, दैविक व भौतिक पाप नष्ट हो जाते हैं।

    3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (मध्य प्रदेश)

    12 ज्योतिर्लिंग में से एक मध्य प्रदेश के उज्जैन में है। यह क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित महाकालेश्वर स्वयंभू दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। देशभर में यह तीर्थ स्थान बाबा महाकाल के नाम से भी प्रसिद्ध है। 

    4. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (मध्य प्रदेश)

    ओंकारेश्वर मंदिर भी मध्य प्रदेश में ही है। यह मंदिर नर्मदा नदी के किनारे मान्धाता पर्वत पर स्थित है। ऐसी मान्यता है कि इनके दर्शन मात्र से पुरुषार्थ चतुष्टय की प्राप्ति होती है। 

    5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग (उत्तराखंड)

    केदारनाथ धाम धाम उत्तराखंड में अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के तट पर स्थित है। भगवान शिव का यह मंदिर प्राकृतिक सुंदरता के बीच स्थित है। साथ ही यह श्री नर और नारायण की तपस्थली है। कहा जाता है कि उन्हीं की प्रार्थना पर शिव ने यहां अपना वास स्वीकार किया था। 

    6. विश्‍वनाथ ज्‍योतिर्लिंग (उत्तर प्रदेश)

    धर्म नगरी काशी (वाराणसी) में काशी विश्‍वनाथ का मंदिर गंगा नदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर की ऐसी मान्‍यता है कि हिमालय छोड़कर भगवान शिव ने यहीं अपना स्थाई निवास बनाया था। इसलिए प्रलय काल का भी इस नगरी पर कोई असर नहीं पड़ता।

    7. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग (महाराष्ट्र)

    भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में पुणे से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां स्थित शिवलिंग आकार में काफी मोटा है। इसलिए इस मंदिर को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है।  

    8. त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग (महाराष्ट्र)

    त्र्यंबकेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के नासिक से 30 किमी दूर पश्चिम में स्थित है। यह मंदिर गोदावरी नदी के किनारे स्थित है और काले पत्थरों से बना हुआ है। माना जाता है कि ऋषि गौतम और पवित्र नदी गोदावरी की प्रार्थना पर ही भगवान शिव ने इस स्थान पर अपना वास स्वीकृत किया था।  

    9. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग (झारखंड) 

    वैद्यनाथ मंदिर झारखंड के देवघर जिले में स्थित है। इस मंदिर को बाबा बैजनाथ के नाम से भी जाना जाता है।  कहा जाता है कि एक बार रावण ने तप के बल से शिव को लंका ले जाने की कोशिश की थी, लेकिन रास्ते में व्यवधान आ जाने की वजह से शर्त के अनुसार शिव जी यहां स्थापित हो गए। 

    10. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (गुजरात) 

    नागेश्वर मंदिर गुजरात में द्वारकापुरी से 17 मील दूर स्थित है। कहते हैं कि भगवान शिव की इच्छा अनुसार ही इस ज्योतिर्लिंग का नामकरण किया गया है। 

    11. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग (तमिलनाडु)

    रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु राज्‍य में स्थित है। ऐसी मान्यता है कि रावण की लंका पर चढ़ाई से पहले भगवान राम ने इस शिवलिंग की स्थापना की थी, तभी से यह मंदिर विश्व विख्यात भी है। 

    12. घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग (महाराष्ट्र)

    12वां ज्योतिर्लिंग में से एक घृष्‍णेश्‍वर मंदिर भी है, जो महाराष्ट्र में दौलताबाद से लगभग अठारह किलोमीटर दूर स्थित है। मान्यता अनुसार, अपने भक्तों के अनुरोध पर भगवान शिव ने अपने अंश रूपी शिवलिंग को यहां सदा के लिए विराजमान कर दिया।