Saphala Ekadashi
सफला एकादशी

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-सीमा कुमारी  

हिन्दू मान्यता के अनुसार, ‘सफला एकादशी’ का विशेष महत्व है।  जो इस साल 9 जनवरी यानी कल है। यह साल की पहली एकादशी है। इसे ‘सफला एकादशी’ के नाम से जाना जाता है। इस व्रत को हर साल पौष माह कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, कहा जाता है जो व्यक्ति सफला एकादशी का व्रत रखता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सफला एकादशी का व्रत भगवान विष्णु जी के लिए रखा जाता है। इस दिन विधिवत उनकी आराधना होती है। आइए जानते हैं सफला एकादशी व्रत विधि,  मुहूर्त, महत्व…

मुहूर्त तथा तिथि –

  • एकादशी तिथि प्रारम्भ – जनवरी 08, 2021 को रात 9:40 बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त – जनवरी 09, 2021 को शाम 7:17 बजे तक

व्रत विधि –  

  • सफला एकादशी के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान कर सूर्यदेव को जल दें।
  • इसके बाद व्रत-पूजन का संकल्प लें।
  • सुबह भगवान विष्णु जी  की पूजा-अर्चना करें।
  • भगवान को धूप, दीप, फल और पंचामृत आदि अर्पित करें।
  • नारियल, सुपारी, आंवला अनार और लौंग आदि से भगवान अच्युत को अर्पित करें।
  • रात्रि जागरण कर श्री हरि के नाम के भजन करें।
  • अगले दिन द्वादशी पर व्रत खोलें।
  • गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराएं, उन्हें दान-दक्षिणा दें।

सफला एकादशी व्रत का महत्व-
पद्म पुराण  के मुताबिक, जो लोग सफला एकादशी का व्रत रखते हैं, उनके सभी पाप राजा महिष्मान के ज्येष्ठ पुत्र लुम्पक के पापों की तरह नष्ट हो जाते हैं और उनमें अच्छे विचार और आचरण आते हैं. मान्यता है कि भगवान विष्णु की कृपा से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।