Why barley is sown in Navratri, know what its religious significance is

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-सीमा कुमारी

शारदीय नवरात्रि 17 अक्टूबर यानी शनिवार से शुरू हो गई है. जो 25 अक्टूबर तक चलने वाली हैं. नवरात्रि में माँ आदिशक्ति दुर्गा की पूजा की जाती है, कलश स्थापना की जाती है. अखंड ज्योत भी प्रज्ज्वलित की जाती है. साथ ही नौ दिनों तक व्रत किया जाता हैं. एक परम्परा भी है कलश के सामने गेहूं व जौ को मिट्टी के बर्तन में बोने की और इसकी पूजा भी की जाती है. लेकिन अधिकतर लोग नहीं जानते कि आखिर इन्हें क्यों बोया जाता?  

धर्मग्रंथों के अनुसार, जौ को ब्रह्मा का स्वरूप माना गया है. प्राचीन काल में जब हवन किया जाता था तब आहुति देने की परंपरा थी. इसी तरह से हमें अन्न यानी जौ का भी सम्मान करना चाहिए. इसी से इसके महत्व का पता चलता है. नवरात्र के दौरान जौ बोया जाता है. जौ भक्त के भविष्य में आने वाले संकेतों को भी बताती है. मान्यता है कि नवरात्र में जब जौ बोई जाती है और वो जितनी बढ़ती है उतनी ही माता रानी की कृपा बरसती है. इससे व्यक्ति के घर में सुख-समृद्धि भी आती है.

धर्म पंडितो के अनुसार अगर उगने वाला जौ का रंग नीचे से आधा पीला और ऊपर से आधा हरा हो तो आने वाले साल का आधा समय ठीक रहेगा. अगर जौ का रंग नीचे से आधा हरा है और ऊपर से आधा पीला हो तो आपका साल का शुरुआती समय अच्छे से बीतेगा. लेकिन बाद में परेशानी होगी. अगर जौ सफेद या हरे रंग मे  उग रहा है तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसा अगर होता है तो यह मान लिया जाता है कि आपकी पूजा सफल हो गई व आने वाला पूरा साल खुशियों से भरा होगा.