पूजा के समय क्यों जलाते हैं घी का दीपक? जानें इसके लाभ

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-सीमा कुमारी

हिन्दू धर्म में घी के दीपक के बिना पूजा-पाठ अधूरा रहता है. चाहे वह किसी भी भगवान का हो. भारतीय परम्परा के अनुसार गाय को माता का दर्जा दिया गया है. वहीं गाय में देवी देवताओं का भी वास होता है. इसलिए गाय का आदर सम्मान करने की बात हमारे प्राचीन शास्त्रों में कही गई है. शास्त्रों में बताया गया हैं कि गाय के अंदर लगभग 33 करोड़ देवी देवता का वास हैं.

यही कारण है कि उसके द्वारा दिया गया दूध भी अपने आप ही पवित्रता का स्रोत माना गया है. उससे बनी हुई घी को भी सबसे पवित्र माना गया है. शास्त्रों में दीपक जलाने के लिए खासतौर से घी का उपयोग करने को ही तवज्जो दी जाती है. जिसका एक कारण है घी का पवित्रता से संबंध. घी को बनाने के लिए ही गाय के दूध की आवश्यकता होती है.

घी के दीपक जलने से क्या लाभ होता है?

  • जब हम घी का दीपक जलाते है तो उससे निकलने वाला धुआं वातावरण में मौजूद कई प्रकार सूक्ष्म कीटाणुओं को नष्ट कर देता है. जो हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं. साथ ही नकारात्मक ऊर्जा ख़त्म करती है और पवित्रता बढ़ाती हैं.
  • हर दिन शाम को शिवलिंग के सामने घी का दीपक जलने से बंद किस्मत के दरबाजे खुलते है. और किस्मत साथ देती हैं.
  • यदि आपके घर में कोई बीमार व्यक्ति है तो उनके कमरे में घी में केशर डाल कर दीपक जलाये. ऐसा करने से उनके ऊपर का नकारात्मक शक्ति ख़त्म हो जाती है. वो धीरे धीरे ठीक होने लगता है .
  • घी का दीपक जलाने से घर में सुख समृद्धि आती है. इससे घर में लक्ष्मी का स्थाई रूप से निवास होता है.
  • पूजा के समय घी का दीपक उपयोग करने का एक और आध्यात्मिक कारण है. शास्त्रों के अनुसार यह माना गया है कि पूजन में पंचामृत का बहुत महत्व है और घी उन्हीं पंचामृत में से एक माना गया है. इसीलिए घी का दीपक जलाया जाता है.