Why do you believe the festival of Bhai Dooj, know auspicious time and story

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-सीमा कुमारी 

भाई और बहन का त्यौहार भाई दूज आज यानी 16 नवंबर, सोमवार को मनाया जा रहा हैं. भाई दूज हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस दिन बहनें व्रत, पूजा और कथा आदि करके भाई की लंबी आयु और समृद्धि की कामना करते हुए माथे पर तिलक लगाती हैं. इसके बदले भाई उनकी रक्षा का संकल्प लेते हुए तोहफा देता है. भाई दूज, जिसे ‘भबीज’, ‘भाई टीका’ और ‘भाई फोंटा’ के नाम से भी जाना जाता है.

क्यों मनाते हैं भाईदूज का त्यौहार:

इसके पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है. द्वापर युग में जब भगवान श्री कृष्ण नरकासुर नाम के राक्षस का वध करने के बाद अपनी बहन सुभद्रा के पास आए, तो सुभद्रा ने श्री कृष्ण का मिठाई और फूलों के साथ स्वागत किया. इस दिन सुभद्रा ने भगवान श्रीकृष्ण का तिलक किया था. कहा जाता है कि तब से ही हर साल इस तिथि को भाईदूज के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई. देश के अलग-अलग हिस्सों में यह त्योहार अलग-अलग रूपों में भी मनाया जाता है, जैसे दक्षिण भारत में लोग इस दिन को यम द्वितीया के रूप में मनाते हैं.

भाई दूज मानाने का शुभ मुहूर्त:

  • भाईदूज का शुभ मुहूर्त 16 नवंबर 2020 यानी सोमवार को 9 बजकर 26 मिनट से आरंभ होकर 10 बजकर 49 मिनट तक रहेगा. 
  • इसके बाद चंचल में 13.34 से 14.57 तक. फिर लाभ व अमृत में 14.57 से 17.42 तक का समय शुभ रहेगा. 
  • शाम 17.42 से 19.20 तक रहेगा. टीके का शुभ मुर्हूत दिन 12:56 से 03:06 तक है.