Anti Child labour day
Photo credit- Instagram/childlabourindia

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    मुंबई: बाल श्रम ( Child Labour) हमारे देश के सबसे प्रमुख मुद्दों में से एक है। ऐसा इसलिए है, क्यों कि कम उम्र में अधिक मेहनत करना बच्चों के लिए शारीरिक (Physically), मानसिक (Mentally), सामाजिक (socially) और नैतिक (Morally) रूप, हर तरह से बहुत हानिकारक है। बाल श्रम की वजह से बच्चों को सम्पूर्ण रूप से स्कूली शिक्षा (School Education) भी नहीं मिल पाती। इसलिए, ये सबके लिए अहम मुद्दा है। बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस की शुरूआत साल 2002 में अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ ने किया था।

    गौरतलब है कि इस दिन को मनाए जाने का उद्देश्य लोंगो के बीच जागरूकता उत्पन्न करना है। सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि हर साल पूरी दुनिया 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के रूप में मनाती है। भारत में उम्र से कम उम्र के बच्चों को जबरजस्ती काम पर रखना या उनसे काम करवाना अपराध की श्रेणी में आता है। इसके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है। यह दिन बेहद खास इसलिए है, क्यों की इस दिन को मानाने के पीछे 14 वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों को श्रम न कराकर, उन्हें शिक्षा दिलाने के लिए जागरूक करना है। इसलिए, इस दिन को बाल श्रम विरोधी दिवस कहा जाता है और इस दिन तरह- तरह के अभियान भी चलाए जाते हैं। 

    बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस 2022 की थीम

    बता दें, बच्चों के शिक्षा के अधिकार और सम्मान जनक जीवन के लिए यह दिन मनाया जाता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस साल का थीम को ‘बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सार्वभौमिक सामाजिक संरक्षण’ (Universal Social Protection to End Child Labour) रखा गया है।