40 प्रतिशत महिलाओं को उम्मीदवारी, UP में प्रियंका का मास्टर स्ट्रोक

    Loading

    संसद और विधानसभा चुनावों में महिला आरक्षण का मुद्दा पहले भी गूंजता रहा है. संसद में महिला आरक्षण बिल हमेशा टलता रहा. देश की आधी आबादी महिलाओं की रहने पर भी कोई पार्टी महिलाओं को एक-तिहाई या 33 प्रतिशत आरक्षण देने पर स्पष्ट राय नहीं बना पाई. महिला आरक्षण की बात सभी करते हैं लेकिन व्यवहार में कोई भी राजनीतिक दल इस पर अमल नहीं करता.

    केवल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया. जहां तक विधानसभा और लोकसभा चुनाव का प्रश्न है, कोई भी पार्टी जीत की संभावना को प्राथमिकता देते हुए पुरुष उम्मीदवारों का ही चयन करती है. 

    महिला उम्मीदवारों का प्रतिशत हर पार्टी में बहुत कम है. कुछ पार्टियों ने तो आरक्षण के भीतर आरक्षण का सुझाव दे डाला था जैसे कि एससी-एसटी की आरक्षित सीटों में से ही एक-तिहाई पर महिलाओं को आरक्षण देने की बात कह डाली. ये पार्टियां अलग से महिलाओं को आरक्षण नहीं देना चाहतीं.

    एक सार्थक सुझाव यह भी आया था कि वर्तमान व्यवस्था में बदलाव न करते हुए महिलाओं के लिए अतिरिक्त सीटें बढ़ा दी जाएं. इस तरह लोकसभा और विधानसभा में सीटों की तादाद बढ़ जाएगी. नए संसद भवन में 1000 संसद सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी. इस लिहाज से महिला सांसदों की तादाद भी बढ़ाई जा सकती है. संभवत: प्रधानमंत्री मोदी के भी मन में यह बात होगी. 

    यूपी विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक ऐसा ऐतिहासिक व चौंकाने वाला निर्णय लिया जिससे प्रदेश की राजनीति पर गहरा असर पड़ेगा. उन्होंने क्षेत्रवाद, जातिवाद, धर्म या पंथ की राजनीति न करते हुए विधानसभा में चुनाव में 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने का एलान कर दिया. ऐसा साहस आज तक कोई पार्टी नहीं दिखा पाई. प्रियंका ने कांग्रेस की नाव की पतवार महिलाओं के हाथों में सौंप कर प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया.

    प्रियंका गांधी ने एक नया नारा भी दिया- ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं.’ 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने के लिहाज से कांग्रेस प्रदेश की कुल 403 विधानसभा सीटों में से 161 पर महिला प्रत्याशी उतारेगी. यह एक मास्टर स्ट्रोक है जो कांग्रेस के प्रति महिलाओं का रुझान पैदा कर सकता है.

    एक पत्थर से कई शिकार

    यूपी के राजनीतिक मंच पर इस तरह के साहसिक व अनूठे निर्णय से जहां एक ओर महिला वर्ग का समर्थन मिल सकता है, वहीं उन पार्टियों की जमीन खिसकने लगेगी जो महिलाओं के 33 प्रतिशत आरक्षण की विरोधी रही हैं. 40 प्रतिशत महिलाओं को कांग्रेस की उम्मीदवारी का निमंत्रण देकर पार्टी ने केवल वर्तमान को ही नहीं संवारा, बल्कि भविष्य की राजनीति की पटकथा भी लिख दी है. कांग्रेस की छवि महिला हितैषी पार्टी की बन रही है.

    प्रियंका गांधी ने यह भी कहा कि अभी जिन महिलाओं को मौका दिया जाएगा, उन्हें मजबूती प्रदान करने के लिए पार्टी आगे भी उनके साथ खड़ी रहेगी. इस बयान में पार्टी की दूर की सोच नजर आती है. उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि अन्य राज्यों के साथ-साथ कांग्रेस केंद्र में भी इस तरह का निर्णय करे. यह इस बात का संकेत है कि यदि यूपी में महिला आरक्षण का प्रयोग सफल रहा तो कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में भी इसी लाइन पर निर्णय ले सकती है.

    नेताओं के परिवार की महिलाएं उम्मीदवारी मांगेंगी

    प्रियंका गांधी से जब पूछा गया कि सभी असरदार नेता अपने परिवार की महिलाओं को टिकट दिलाने के लिए लॉबिंग करेंगे तो उन्होंने कहा कि इसमें कोई हर्ज नहीं है. महिलाओं को टिकट मेरिट के आधार पर दिया जाएगा. यह फैसला यूपी की हर उस महिला के लिए है जो आगे बढ़ना, बदलाव लाना और अपना भविष्य बदलना चाहती है. उनका बस चलता तो वह 50 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देतीं.