
अमेरिका के इतिहास में डोनाल्ड ट्रम्प पहले ऐसे पूर्व राष्ट्रपति हैं जिन्हें गोपनीय दस्तावेजों को ले जाकर छुपाने का अभियोग है. यदि 7 आरोपों में से एक में भी संघीय ग्रैंड ज्यूरी ने ट्रम्प को गुनहगार पाया तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है. उनका फिर से राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का सपना भी चूर-चूर हो सकता है.
ऐसी हालत में रिपब्लिकन पार्टी को नवंबर 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए नया प्रत्याशी चुनन पड़ सकता है. इसके पूर्व मार्च में भी ट्रम्प पर आरोप लगा था कि उन्होंने पिछले चुनाव के पूर्व एक पोर्न स्टार युवती को मुंह बंद रखने के लिए रिश्वत दी थी ताकि वह ट्रम्प के साथ अपने यौन संबंधों का खुलासा न करे. इस समय ट्रम्प पर दोषारोप है कि राष्ट्रपति पद से हटते समय वे अपने साथ गोपनीय या वर्गीकृत दस्तावेज ले गए और फिर उन दस्तावेजों को हासिल करने के सरकारी प्रयासों में उन्होंने बाधा डाली.
एफबीआई (संघीय जांच ब्यूरो) ने तलाशी वारंट ले जाकर ट्रम्प के पास से 11,000 दस्तावेज बरामद किए. ट्रम्प पर आरोप है कि उन्होंने जासूसी से संबंधित कानून का उल्लंघन करते हुए जानबूझकर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज अपने पास रखे. उन्होंने गलतबयानी की और न्याय के मार्ग में बाधा उत्पन्न करने की साजिश की. ट्रम्प के पास से 300 से अधिक टॉप सीक्रेट (अति गोपनीय) मार्किंग वाले दस्तावेज बरामद किए गए.
2 अन्य मामले
इसके अलावा ट्रम्प पर 2 अन्य मामले हैं. उन्होंने जार्जिया राज्य में 2020 के चुनाव के नतीजे बदलने की साजिश की. 2021 में उनके समर्थकों की हिंसक भीड़ ने नए राष्ट्रपति जो बाइडन की चुनावी जीत की पुष्टि को रोकने के लिए राजधानी वाशिंगटन डीसी की कैपिटल बिल्डिंग पर हमला बोल दिया था. उस समय बहुत हंगामा हुआ था. अमेरिका में दोषारोप (इंडिक्टमेंट) एक औपचारिक नोटिस है जिसके द्वारा बताया जाता है कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद है.
इसके आधार पर अभियोजनकर्ता मामला चला सकता है. अब अभियोजकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी कि क्या वे यह सिद्ध कर सकते हैं कि ट्रम्प ने जानबूझकर इरादतन कानून का उल्लंघन किया? मई 2021 में अमेरिका के न्याय विभाग ने एफबीआई की एक गुप्तचर विश्लेषक महिला अधिकारी को जासूसी से जुड़े कानून में आरोपी बनाया था. वह महिला गोपनीय दस्तावेजों को अवैध रूप से अपने घर ले गई थी. उसने अपना अपराध स्वीकार किया उसे 10 वर्ष तक का कारावास हो सकता है. बिल्कुल ऐसा ही आरोप ट्रम्प पर लगा है.
आक्रामक रवैया अपनाया
अपनी आदत के मुताबिक ट्रम्प ने फिर आक्रामक रवैया अपनाया और जांच को चुनौती देने के प्रयास तेज कर दिए. ट्रम्प की दलील है कि उनके साथ पक्षपात कर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं. ट्रम्प के कट्टर समर्थक अगले वर्ष होने वाले रिपब्लिकन प्रत्याशी के नामांकन में उनका साथ दे रहे हैं. यदि ट्रम्प ने सताए गए राजनेता का कार्ड खेला तो यह अमेरिकी अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती होगा. उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि कानूनी कार्यवाही शांतिपूर्ण तरीके से हो अन्यथा ट्रम्प समर्थक फिर बवाल मचा सकते हैं. गोपनीय दस्तावेज ले जाने का आरोप
जेल भेजे जा सकते हैं ट्रम्प
अमेरिका के इतिहास में डोनाल्ड ट्रम्प पहले ऐसे पूर्व राष्ट्रपति हैं जिन्हें गोपनीय दस्तावेजों को ले जाकर छुपाने का अभियोग है. यदि 7 आरोपों में से एक में भी संघीय ग्रैंड ज्यूरी ने ट्रम्प को गुनहगार पाया तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है. उनका फिर से राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का सपना भी चूर-चूर हो सकता है. ऐसी हालत में रिपब्लिकन पार्टी को नवंबर 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए नया प्रत्याशी चुनन पड़ सकता है. इसके पूर्व मार्च में भी ट्रम्प पर आरोप लगा था कि उन्होंने पिछले चुनाव के पूर्व एक पोर्न स्टार युवती को मुंह बंद रखने के लिए रिश्वत दी थी ताकि वह ट्रम्प के साथ अपने यौन संबंधों का खुलासा न करे.
इस समय ट्रम्प पर दोषारोप है कि राष्ट्रपति पद से हटते समय वे अपने साथ गोपनीय या वर्गीकृत दस्तावेज ले गए और फिर उन दस्तावेजों को हासिल करने के सरकारी प्रयासों में उन्होंने बाधा डाली. एफबीआई (संघीय जांच ब्यूरो) ने तलाशी वारंट ले जाकर ट्रम्प के पास से 11,000 दस्तावेज बरामद किए. ट्रम्प पर आरोप है कि उन्होंने जासूसी से संबंधित कानून का उल्लंघन करते हुए जानबूझकर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज अपने पास रखे. उन्होंने गलतबयानी की और न्याय के मार्ग में बाधा उत्पन्न करने की साजिश की. ट्रम्प के पास से 300 से अधिक टॉप सीक्रेट (अति गोपनीय) मार्किंग वाले दस्तावेज बरामद किए गए.