अमेरिका का आत्मघाती गन कल्चर विकसित देश की विकृत मानसिकता

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    गन कल्चर अमेरिका के लिए अभिशाप बन चुका है. वहां कभी भी कोई सिरफिरा बंदूक लेकर बेकसूर लोगों को, जिनमें बूढ़े और बच्चे भी शामिल हैं, अचानक फायरिंग कर लाशों के ढेर में बदल सकता है. ऐसी घटनाएं बार-बार होती रही हैं लेकिन सरकार की हिम्मत नहीं है कि हथियारों की बिक्री पर रोक लगाए. अमेरिका के टेक्सास राज्य के युवाल्डे की रॉब एलीमेंट्री स्कूल में 18 वर्षीय सल्वाडोर रामोस ने अंधाधुंध फायरिंग कर दूसरी, तीसरी व चौथी कक्षा के 21 बच्चों और 2 शिक्षिकाओं की हत्या कर दी. स्कूल में फायरिंग से पहले वह हत्यारा अपनी दादी को भी शूट करके आया था. अमेरिका में इस वर्ष अब तक गोलीबारी की 198 घटनाएं हो चुकी हैं.

    इसके पहले 2012 में न्यूयार्क के स्कूल में 26 मासूम मारे गए थे. पिछले 10 वर्षों में ऐसी जानलेवा फायरिंग की 3,500 घटनाएं हो चुकी हैं. देश की आबादी से भी ज्यादा लोगों के पास हथियार हैं. अमेरिका में हर 100 लोगों पर 120 गन हैं. टेक्सास जैसे राज्य में तो मनपसंद बंदूक खरीदना बिस्किट का पैकेट खरीदने से भी आसान है. स्कूल से डॉपआउट हत्यारे रामोस ने अपने 18वें जन्मदिन पर राइफल और 375 कारतूस खरीदे थे. वह सामान्य तरीके से न रहकर आईलाइनर लगाता था और हमेशा काले कपड़े पहनता था. मां से झगड़ता था और दादी के यहां रहता था.

    संविधान से मिला है गन रखने का अधिकार

    अमेरिका में नागरिकों को हथियार रखने का अधिकार संविधान से मिला हुआ है और वे अपने इस अधिकार पर गर्व भी करते हैं. जब 17वीं सदी में यूरोप की जेल के खतरनाक कैदियों को देश निकाले के तौर पर अमेरिका भेजा गया था तो उन्हें साथ में हथियार ले जाने की इजाजत दी गई. इसके बाद इन बंदूकबाजों की ‘काऊब्वाय संस्कृति’ अमेरिका में पनपी. 1776 में अमेरिका की ब्रिटेन से आजादी के दौरान और बाद में भी हथियारों का खूब इस्तेमाल हुआ. अपनी हिफाजत के नाम पर हर अमेरिकी अपने घर में हथियार रखता है. अमेरिका में हथियार बनाने वाली कंपनियों की बहुतायत है जो एक से एक घातक शस्त्र बनाती हैं.

    हथियार निर्माता लॉबी इतनी सशक्त है कि उस पर कोई नियंत्रण नहीं है. शूटिंग की हर बड़ी घटना के बाद हथियार कानून को कठोर बनाने और बंदूकों की बिक्री रोकने की मांग होती है लेकिन हथियार निर्माताओं के सामने सरकार बेबस होकर रह जाती है क्योंकि वे चुनावों में पार्टियों को फाइनेंस करते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हम बंदूकों का समर्थन करनेवालों के खिलाफ कब खड़े होंगे? यह समझने में कितना वक्त लगेगा कि यह कार्रवाई करने का वक्त है? हमें रोक लगानी ही होगी. बाइडन से पहले राष्ट्रपति रह चुके डोनाल्ड ट्रम्प और बराक ओबामा भी गन कल्चर पर रोक लगाने की बात करते रहे लेकिन कानून नहीं बना पाए.

    हिंसक प्रवृत्ति क्यों

    अमेरिका में भौतिक समृद्धि के बावजूद परिवार संस्था टूट रही है. पति-पत्नी के विवाह बाह्य संबंधों से स्वेच्छाचार बढ़ रहा है. परिवार के बिखराव का बच्चों की मानसिकता पर बुरा असर पड़ता है. सौतेले माता-पिता के साथ रहने या अनब्याही मां की संतान होने से बच्चे प्रताड़ना व उपेक्षा झेलते हैं. उचित प्रेरणा और मार्गदर्शन नहीं मिलने से उनमें हिंसक मनोवृत्ति व फ्रस्ट्रेशन आ जाता है.

    हाईस्कूल के पहले ही पढ़ाई छोड़ देने के अलावा किशोर ड्रग्स भी लेने लगते हैं. उनके दिमाग में नफरत भर जाती है. वे घंटों वीडियो गेम देखकर भी हिंसक हो जाते हैं. अमेरिका में हर शूटिंग की घटना के बाद बंदूकों की बिक्री बढ़ जाती है. परिवार संस्था को मजबूत करने और बच्चों की सही देखभाल से ही ऐसी घटनाएं रुक सकती हैं.