दिल्ली सरकार को बेवजह तंग करने का एक और हथकंडा

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क्या केंद्र सरकार को हक है कि किसी केंद्र शासित प्रदेश की निर्वाचित सरकार के बजट को रोके या उसे मंजूरी देने में विलंब करे? यह बात अलग है कि किसी सरकार के बजट प्रस्तावों को सदन में विपक्ष चुनौती देता है तथा उसके प्रावधानों पर सवाल उठाता है लेकिन केंद्र सरकार को इसमें बाधक क्यों बनना चाहिए? दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के बजट पर सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रोक लगा दी थी जिसके बाद केजरीवाल सरकार केंद्र पर हमलावर हो गई थी. बजट रोकने को लेकर ‘आप’ ने कहा था कि केंद्र की मोदी सरकार जानबूझकर दिल्ली सरकार को परेशान कर रही है तथा वह दिल्ली में विकास नहीं होने देना चाहती. काफी आरोप-प्रत्यारोप के लंबे दौर के बाद आखिर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को बजट को मंजूरी दे दी.

अब इसे विधानसभा में पेश किया जा सकेगा. प्रश्न उठता है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बजट क्यों रोका था? केंद्र सरकार ने विभिन्न मदों में आवंटन को लेकर ‘आप’ सरकार पर आरोप लगाए थे. उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कार्यालय ने बजट रोके जाने के बारे में बताया था कि इसमें काम से अधिक विज्ञापन का खर्च बताया गया था. दिल्ली सरकार के बजट प्रस्ताव के बुनियादी ढांचे और अन्य विकास कार्यों की बजाय विज्ञापनों के लिए धन का अत्यधिक आवंटन किया गया था. पहले भी यह आपत्ति उठाई गई थी कि केजरीवाल विज्ञापनों के माध्यम से अपना और ‘आप’ का प्रचार अधिक कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर जानबूझकर दिल्ली का बजट रोके जाने का आरोप लगाया था. केंद्र ने बजट प्रावधानों को लेकर ‘आप’ सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था. दिल्ली एनसीआर अधिनियम तथा अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत दिल्ली के बजट को पहले टिप्पणी के लिए एलजी (उपराज्यपाल) के पास भेजा जाता है फिर वह बजट केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के लिए जाता है. केजरीवाल और दिल्ली के वित्तमंत्री कैलाश गहलोत ने गृह मंत्रालय और एलजी सक्सेना पर आरोप लगाया था कि वे जानबूझकर बजट को अटका रहे हैं. आखिर मंगलवार की शाम को बजट को गृह मंत्रालय की मंजूरी मिली. सक्सेना ने गत वर्ष मई में उपराज्यपाल का पद संभाला था. उनकी ओर ‘आप’ सरकार की आपस में कई मुद्दों पर तनातनी होती रही है.

केजरीवाल सरकारी शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजना चाहती थी लेकिन इसे एलजी ने मंजूरी नहीं दी इसके विपरीत पंजाब की भगवंत मान के नेतृत्ववाली ‘आप’ सरकार अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर भेज रही है. दिल्ली की ‘आप’ सरकार ने आरोप लगाया कि नौकरशाह चुनी हुई सरकार की अवहेलना कर रहे हैं और सीधे एलजी सक्सेना से आदेश ले रहे हैं. नई आबकारी नीति को लेकर एलजी ने केंद्र के पास सीबीआई जांच की सिफारिश की.

इस प्रकरण में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हो गई. यह सही है कि कोई भी सरकार कानून से ऊपर नहीं है फिर भी केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए विपक्षी पार्टियों और उनके नेताओं को निशाना बनाए जाने का आरोप है. विपक्ष के रूप में बीजेपी विधानसभा में आप सरकार को आड़े हाथ ले सकती है लेकिन संदेश यही जा रहा है कि केंद्र केजरीवाल सरकार को परेशान करने में लगा है.