फाल्के अवार्ड के नाम पर ठगी मिलता-जुलता नाम रख फंसाया जा रहा

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ठगी और धोखाधड़ी करनेवालों की कोई कमी नहीं है. कुछ ऐसे ही शातिर लोग न सिर्फ फर्जी डिग्रियां और सर्टिफिकेट बांटा करते हैं बल्कि बोगस अवार्ड भी देते हैं. इनका तरीका कुछ ऐसा रहता है कि ये किसी ऊंचा अवार्ड पाने के इच्छुक आंख के अंधे और गांठ के पूरे व्यक्ति से संपर्क कर उसे इस तरह के सम्मान का आफर देते हैं और इवेंट के खर्च, मुख्य अतिथि और अध्यक्ष को बुलाने, हॉल को खचाखच भरने, वीडियोग्राफी करने, अवार्ड और मेमेंटो देने, मीडिया में प्रचार के पैकेज के नाम पर मोटी रकम मांगते हैं. जालसाजों को ऐसे शिकार मिल भी जाते हैं जो धन खर्च कर सम्मान या अवार्ड खरीदना चाहते हैं.

देश में कुकुरमुत्ते की तरह ऐसे बोगस विश्वविद्यालय भी पनपे जो मैट्रिक पास आदमी को भी पीएचडी की बोग्स डिग्री प्रदान करते थे. मुंह मांगी रकम दो और बदले में फर्जी पदवी या अवार्ड लो! यह कितना बड़ा फ्राड है कि नकली दादासाहब फाल्के अवार्ड दिए जा रहे हैं और जो रैकेट यह काम कर रहा है उसके गिरेबान पर पुलिस या खुफिया एजेंसियों ने अब तक हाथ नहीं डाला! भारत सरकार भारतीय फिल्म जगत के जनक या पितामह माने जानेवाले दादासाहब फाल्के के नाम पर सर्वोच्च सम्मान राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के रूप में देती है. इसे पाकर चोटी के फिल्म अभिनेताओं, निर्माता निर्देशकों, संगीतकारों, गायक, गायिकाओं ने खुद को धन्य माना है. कोई भी टीवी चैनल या पत्र-पत्रिका द्वारा प्रायोजित अवार्ड फाल्के अवार्ड की बराबरी नहीं कर सकता.

कुछ शातिर लोगों ने दादासाहब फाल्के के नाम से मिलता-जुलता बोगस अवार्ड देने का ‘धंधा’ शुरू किया है जो कि सरासर गैरकानूनी है. ऐसे अवार्ड के खिलाफ मॉडल निकिता घाग ने मोर्चा खोलते हुए पिछले वर्ष मिला अपना दादासाहब फाल्के इंटरनेशनल अवार्ड लौटा दिया. निकिता ने अभिनेता रणबीर कपूर और आलिया भट से भी अपील की कि वे अपना नकली ‘दादासाहब फाल्के अवार्ड’ लाटाएं ताकि दुनिया को पता चल सके कि इस नाम की पवित्रता क्या है और इस नाम से जुड़े सिनेमा के सबसे बड़े व प्रतिष्ठा सूचक राष्ट्रीय सम्मान की हम सभी कद्र करते हैं. यहां उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए 1969 में दादासाहब फाल्के अवार्ड शुरू किया जो सर्वप्रथम देविका रानी को दिया गया था.

अब तक 51 लोगों को यह अवार्ड दिया जा चुका है. इनमें देश की विभिन्न भाषाओं व राज्यों की फिल्मी हस्तियां शामिल हैं. बालीवुड के चेहरों की बात करें तो पृथ्वीराज कपूर (मरणोपरांत), सोहराब मोदी, दुर्गा खोटे, नौशाद अली, वी. शांताराम, राज कपूर, अशोक कुमार, दिलीप कुमार, देव आनंद, लता मंगेशकर, आशा भोसले, मन्ना डे, प्राण, शशि कपूर, मनोज कुमार, विनोद खन्ना, अमिताभ बच्चन, रजनीकांत, वी आर चोपड़ा, हृषिकेश मुार्जी, श्याम वेनेगल, कवि प्रदीप, गुलजार को यह अवार्ड मिला है. इसी तरह के नाम से बोगस अवार्ड देनेवालों पर सख्त एक्शन लिया जाना चाहिए. सूचना-प्रसारण मंत्रालय इसे कैसे बर्दाश्त कर रहा है?