मुख्यमंत्री कभी पार्ट टाइम नहीं होता, अपने CM पर नजर करे BJP

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    किसी पर एक उंगली उठाओ तो 3 उंगलियां अपनी ओर रहती हैं. इसलिए नाप-तौल कर या जुबान संभालकर बोलना चाहिए. दूसरे पर आक्षेप करने से पहले खुद का दामन देख लेने में ही समझदारी है. बीजेपी के लिए महाराष्ट्र की 3 पार्टियों की महाविकास आघाड़ी आंख की किरकिरी बनी हुई है. विपक्षी पार्टियों की सरकार गिराने का ‘आपरेशन लोटस’ अन्य राज्यों में चला लेकिन महाराष्ट्र में सफल नहीं हो पा रहा है. 

    यहां वैचारिक भिन्नता के बावजूद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की मिलीजुली सरकार मजे से चल रही है. इसके नेताओं पर दबाव डालने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों को सक्रिय करना कुछ काम नहीं आया. बीजेपी का अनुमान था कि आपसी विरोधाभास के चलते 3 पार्टियों की यह सरकार टूट जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और होने की उम्मीद भी नहीं है. सत्ता में साझेदारी ने तीनों पार्टियों को साथ में जोड़ रखा है. शिवसेना सीएम का पद पाकर खुश है, एनसीपी के पास महत्वपूर्ण विभाग हैं जबकि कांग्रेस को महाराष्ट्र की सत्ता में सहभागी होने की खुशी है.

    पवार का मार्गदर्शन

    यह सही है कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने से पहले कभी मंत्री नहीं रहे लेकिन वे सीएम के रूप में सफल और पूर्णतया सक्रिय हैं. महाराष्ट्र के दिग्गज नेता व एनसीपी प्रमुख शरद पवार का मार्गदर्शन उन्हें उपलब्ध है. बीजेपी नेता अब मन ही मन पछता रहे हैं कि शिवसेना का साथ क्यों छोड़ा? युति टूटने के लिए बीजेपी का हठ भी जिम्मेदार था. पवार ने आघाड़ी के शिल्पकार की भूमिका निभाई और उसकी एकजुटता सुनिश्चत कर रहे हैं.

    BJP को अपने अक्षम, CM बदलने पड़े

    बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और महाराष्ट्र प्रभारी सीटी रवि ने तीखा प्रहार करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के पार्ट टाइम सीएम हैं, जबकि राज्य को देवेंद्र फडणवीस जैसे एक्टिव व फुलटाइम सीएम की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता जानती है कि मुख्यमंत्री ठाकरे कब जागते हैं, कब सोते हैं और कब काम करते हैं. बीजेपी ने मुख्यमंत्री ठाकरे पर ऐसे समय हमला किया जब वे रीढ़ की सर्जरी के बाद स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं. 

    उद्धव ठाकरे का कहना है कि कोरोना काल में उन्होंने बिना आराम किए लगातार काम किया, इस वजह से उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. जबकि बीजेपी पार्टटाइम सीएम कहकर उन पर निशाना साध रही है. सीटी रवि के अलावा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने भी कहा कि महाराष्ट्र में बीमार सीएम और बीमार सरकार है. बीजेपी आत्मावलोकन करे तो पता चलेगा कि उसने अपने कितने ही मुख्यमंत्रियों को अक्षम या नाकारा पाकर बदल दिया. 

    कर्नाटक में बुजुर्ग हो चले व आरोपों से घिरे येदियुरप्पा को हटाकर बीजेपी ने बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया. उत्तराखंड में पहले त्रिवेंद्रसिंह रावत और फिर तीरथसिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाकर पुष्करसिंह धामी को सीएम बनाया गया. पूर्वोत्तर में भी बीजेपी मुख्यमंत्रियों को बदलने का खेल करती रही. असम में सर्वानंद सोनोवाल की जगह हिमंत बिस्वा सरमा को मुख्यमंत्री बनाया गया.