भारत के ग्रीन एनर्जी लक्ष्य पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट का काला साया…!

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    – संजय श्रीवास्तव

    भारत भविष्य में ऊर्जा की सर्वाधिक मांग वाला देश होगा और यह ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश हेतु बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए पसंदीदा जगह भी बनेगा भारत ने 2030 तक 500 गीगावॉट ग्रीन एनर्जी का लक्ष्य रखा है. रूस-यूक्रेन संघर्ष और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से पैदा वैश्विक ऊर्जा संकट के मद्देनजर हमें हरित और टिकाऊ ऊर्जा की ओर अपने कदम तेज करने होंगे. कार्बन के उत्सर्जन के अपेक्षित लक्ष्य हेतु देश को कोयला, पेट्रोल डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन की खपत और आयात एक तय सीमा तक कम करनी है. विकास की जनाकांक्षापूर्ति का ऊर्जा एक बड़ा घटक है. अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा संघ का मानना है कि इसके चलते अगले एक दशक में यहां ऊर्जा की मांग में सबसे अधिक तेजी आएगी. बिजली चालित वाहनों को प्रोत्साहन देने के बावजूद रोजाना 50 लाख बैरल कच्चे तेल की खपत है. कच्चे तेल की मांग में भारत की हिस्सेदारी 5 प्रतिशत से बढ़कर 11 प्रतिशत होने, गैस की मांग में 500 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी के अनुमान हैं.

    इस बार बजट में ‘हरित विकास’ शीर्ष प्राथमिकताओं में है और ऊर्जा संक्रमण के लिए ‘प्राथमिकता पूंजी निवेश’ के लिए 35,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,700 करोड़ रुपये का आवंटन मिला. आरबीआई ने रीन्यूएबल एनर्जी की परियोजनाओं के लिए दो चरणों में 160 बिलियन मूल्य के सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड की नीलामी की. आर्सेलर मित्तल, हिंडाल्को और एस्सार  ने अपनी कोयला और गैस आधारित स्टील, एल्युमिनियम संयंत्रों को रीन्यूबल एनर्जी सोर्स पर चलाने का वादा किया.

    बायो एनर्जी के क्षेत्र में छह महीने पहले एशिया की पहली 2जी इथेनॉल बायो-रिफाइनरी के निर्माण के साथ इस तरह के 12 कमर्शियल 2जी एथेनॉल संयंत्र बनाने का लक्ष्य है. देश में ग्रीन एनर्जी और तेल कुएं की खोज को एक साथ बढ़ावा दिया जा रहा है. प्राकृतिक गैस की खपत को छह से बढ़ाकर 15 फीसदी करने का लक्ष्य है. उद्योगों को हरित ऊर्जा खरीदने या नवीनीकरण के माध्यम से उत्पन्न अपनी कैप्टिव बिजली का उपयोग करने की अनुमति मिल गई है.

    सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, हाइड्रोजन फ्यूएल, बैटरीचालित वाहन हों या फिर जैविक ऊर्जा जैसे तमाम विकल्पों पर तेजी से काम हो रहा है, लेकिन पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिलाकर 11 राज्यों के 84 पेट्रोल पंपों पर बिकेगा. इससे पेट्रोल डीजल की खपत और आयात पर कितना गुणात्मक प्रभाव पड़ सकेगा? अभी तक 10 फीसद एथेनॉल मिला पेट्रोल बिकता ही था उससे कितना लाभ और हरित ऊर्जा का लक्ष्य किस हद तक हासिल हुआ?

    प्रधानमंत्री ने देश में तेल और गैस की खोज तथा हाइड्रोजन जैसे ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए वैश्विक स्तर के निवेशकों का आह्वान किया. देश में ऊर्जा क्षेत्र में 2030 तक क्रांति आ सकती है और हरित और अक्षय ऊर्जा स्रोतों से कुल बिजली उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने में खास दिक्कत नहीं आयेगी. मुसीबत यह है कि बाहरी निवेशकों की कौन कहे देश के निवेशक पर ही संकट है. विभिन्न कंपनियों के माध्यम से अडाणी समूह 20 गीगावाट हरित ऊर्जा उत्पादन की क्षमता हासिल कर चुका है. अडाणी रिन्यूएबल एनर्जी होल्डिंग फॉर लिमिटेड का अपनी कंपनियों के जरिए हरित ऊर्जा क्षेत्र में बहुत निवेश है. हरित ऊर्जा क्षेत्र में बड़े लक्ष्य हेतु आगे बढ़ने वाली कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट में सवाल उठाए गए हैं और इनके शेयर उतार पर हैं.

    राजस्थान सरकार के अडाणी के साथ संयुक्त उद्यम में 150 अरब डॉलर के निवेश से हरित ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया था, पर इन परिस्थितियों में पूंजी के अभाव में कंपनी का हरित ऊर्जा क्षेत्र में होने वाला निवेश प्रभावित होगा और हरित ऊर्जा उत्पादन और भविष्य की योजनाओं पर असर पड़ेगा तो इस क्षेत्र में तय किए गए लक्ष्य को हासिल करने में मुश्किलें आ सकती हैं. अडाणी कंपनी ने देश के कई बंदरगाहों पर स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन करने के लिए 70 अरब डॉलर का निवेश करने की जो बात कही थी, वह खटाई में है. भारतीय सौर ऊर्जा निगम के माध्यम से भी अडाणी समूह ने पीपीए मॉडल में हरित ऊर्जा उत्पादन में करार किया था. यह अब तक का सबसे बड़ा पीपीए समझौता बताया गया था. समझौते में 4667 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित था लेकिन इस समझौते पर भी हिंडनबर्ग का असर हो सकता है.