अनिल परब पर ED के साथ राज्यपाल भी हुए सक्रिय

    Loading

    केंद्र की बीजेपी सरकार और महाराष्ट्र की शिवसेना नेतृत्व की महाविकास आघाड़ी सरकार के बीच न केवल कटुता, बल्कि घात-प्रतिघात की राजनीति चरम पर है. राज्य के पास अपनी सीआईडी और एसआईटी है तो केंद्र के पास ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स विभाग. केंद्र के निशाने पर महाराष्ट्र के मंत्री हैं. एनसीपी नेता व पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के अलावा महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब और शिवसेना सांसद भावना गवली भी ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के निशाने पर आ गए. इस तरह शिवसेना की मुश्किलें भी बढ़ रही हैं.

    ईडी ने 100 करोड़ की वसूली के मामले में अनिल परब को समन भेजा है. खास बात यह है कि राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने भी इस मामले में सक्रियता दिखाई है. 4 माह पूर्व बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने राज्यपाल से परब के भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत की थी. राज्यपाल के आदेशानुसार 2 सितंबर को परब को लोकायुक्त के सम्मुख जवाब देने के लिए उपस्थित होना है. सोमैया ने वसूली के मामले में नागपुर ग्रामीण के पूर्व आरटीओ अधिकारी बजरंग खरमाटे को अनिल परब का सचिन वाझे बताया है. ईडी ने खरमाटे के निवास पर भी छापे की कार्रवाई की तथा कुछ दस्तावेज बरामद किए. परब के करीबी खरमाटे को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किया गया है. परब ने वकील के माध्यम से ईडी को पत्र भेजा कि मंत्री के तौर पर उनके कार्यक्रम पहले ही तय हो चुके हैं इसलिए वे उपस्थित नहीं हो पाएंगे. उन्हें इसके लिए 14 दिनों की अवधि दी जाए.

    भावना गवली का मामला

    शिवसेना सांसद भावना गवली का बालाजी पार्टिकल बोर्ड नामक कारखाना है जिसके लिए राष्ट्रीय सहकारिता निगम ने 29 करोड़ तथा राज्य सरकार ने 14 करोड़ रु. का अनुदान दिया था. उन्होंने 11 करोड़ रु. स्टेट बैंक से लिए थे. आरोप है कि यह कारखाना शुरू ही नहीं किया गया. कारखाने की 7 करोड़ रुपए कीमत दिखाकर गवली की दूसरी संस्था को बेचा गया. गवली द्वारा सीए पर गलत रिपोर्ट के लिए दबाव डाले जाने का भी आरोप है. भावना गवली के वाशिम, यवतमाल और मुंबई सहित 5 संस्थानों पर छापे मारे गए. छापों से पहले ईडी ने गवली को कोई नोटिस भी जारी नहीं किया था. भावना गवली विदर्भ में शिवसेना की नेता हैं और अब तक 5 बार यवतमाल-वाशिम से चुनाव जीत चुकी हैं. भावना ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार शिवसेना के नेताओं को चुन-चुनकर निशाना बना रही है. यह एक दमनकारी कदम है और लगातार निर्वाचित होने वाली महिला सांसद की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास है.

    राणे की गिरफ्तारी के बाद और उबाल आया

    केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ जो अपमानजनक टिप्पणी की, उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. राज्य सरकार ने इस मामले में अपना पावर दिखाया. उधर केंद्र भी राज्य सरकार के मंत्रियों व शिवसेना सांसद भावना गवली पर अपनी एजेंसी के जरिए कार्रवाई कर रहा है. इससे केंद्र और राज्य सरकार के बीच छत्तीस का आंकड़ा हो गया है. शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा कि जो गड्ढा बीजेपी की केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार के लिए खोदा है, उसमें केंद्र खुद ही गिरेगा. अनिल परब को ईडी का नोटिस मिलने के बाद मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि यह प्रतिशोध की राजनीति है. केंद्र की बीजेपी सरकार महाराष्ट्र में सत्ता से दूर रहने का बदला ले रही है.