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देश की 130 करोड़ लोगों की आबादी को देखते हुए कोरोना का टीका लगाने में तेजी लाए जाने की जरूरत है।

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    देश की 130 करोड़ लोगों की आबादी को देखते हुए कोरोना का टीका लगाने में तेजी लाए जाने की जरूरत है। महाराष्ट्र में जिस तरह से कोरोना मामले बढ़े हैं उससे फिर चिंता देखी जा रही है। नागपुर जिले में एक ही दिन में 1,710 रोगी पाए गए। अब होम क्वारंटाइन की बजाय कोविड केयर सेंटर की जरूरत महसूस की जा रही है यदि वैक्सीन लगाने में तेजी लानी हो तो मोबाइल वन, हाउस विजिट आंगनवाडी तथा अन्य सार्वजनिक सुविधाओं का उपयोग लिया जा सकता है।

    सरकार चाहे तो वैक्सीन के मामले में निजी क्षेत्र भी भागीदारी बढ़ा सकती है। निजी क्षेत्र सीधे सप्लायर से ऐसी सभी वैक्सीन खरीदे जो तीसरे चरण के ट्रायल में उपयुक्त पाई गई हैं। 1 फरवरी तक देश में 2.15 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका है। यदि प्रतिशत के हिसाब से देखें तो ब्रिटेन ने अपनी 32 प्रतिशत आबादी को टीका लगा दिया है जबकि भारत में 1.7 प्रतिशत लोगों को ही वैक्सीन लग पाया है।

    भारत की बड़ी आबादी का तेजी से वैक्सी लगानी होगी तभी हर्ड ह्यूम्यूनिटी की उम्मीद की जा सकती है। निजी क्षेत्र ने सक्रियता दिखाई है। अभी तक 4,681 निजी अस्पतालों ने 6।5 लाख वैक्सीन लगाई है। हर केंद्र पर प्रतिदिन लगभग 140 लोगों को टीका लगाया गया। 17,724 सरकारी अस्पतालों में लगभग 14 लाख टीके लगाए गए जबकि उनकी क्षमता 25 लाख वैक्सीनेशन की है।