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चुनाव के ठीक हले चाको जैसे नेता के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस की कठिनाई बढ़ेगी।

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    अवसर देखकर रंग बदलने वाले नेता यह नहीं सोचते कि पार्टी ने अब तक उन्हें क्या दिया है। केरल विधानसभा चुनाव में अपनी पूछ परख नहीं होने से नाराज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी सी चाको ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और संभवत: वे लेफ्ट पार्टियों के मोर्चे एलडीएफ का दामन थाम सकते हैं। उन्होंने पार्टी में गुटबाजी का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस में अब जरा सा भी लोकतंत्र नहीं बचा है और केरल कांग्रेस की टीम के साथ काम करना बहुत कठिन है।

    चुनाव के ठीक हले चाको जैसे नेता के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस की कठिनाई बढ़ेगी। उन्होंने असंतोष जारी करते हुए कहा कि केरल से कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं बचा है। पार्टी दिन पर दिन कमजोर होती जा रही है। पार्टी का नेतृत्व बहुत सक्रिय नहीं है। इसके लिए उसकी खुद का भी जिम्मेदार है। केरल की पार्टी इकाई कोआर्डिनेशन कमेटी बनकर रह गई है। ओमन चांडी और रमेश चेन्नीथला गुटों के बीच टकराव जारी है। केरल कांग्रेस की 40 सदस्यीय चुनाव समिति ठीक से काम नहीं कर रही है। यह उम्मीदवारों के चयन का समय है लेकिन कोई सामूहिक निर्णय नहीं हो पा रहा है।

    जी-23 नेताओं की तरफदारी

    4 बार लोकसभा सांसद रह चुके पी सी चाको ने जी-23 नेताओं का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया। उनमें से किसी भी नेता ने सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सवाल नहीं उठाया। उन्होंने सिर्फ यही कहा कि कांग्रेस में चुनाव होने चाहिए और एक निर्वाचित कार्यसमति रहनी चाहिए। पार्टी ने संविधान के मुताबिक व्यवस्थत और संगठित रूप से काम होना चाहिए पार्टी नेतृत्व इन सुझावों की अवहेलना न करे।

    डेढ़ वर्ष में भी अध्यक्ष नहीं खोज पाए

    चाको ने कहा कि डेढ़ वर्ष बीत जाने पर भी कांग्रेस नया अध्यक्ष नहीं खोज पाई। कांग्रेस में निर्वाचित अध्यक्ष और निर्वाचित समितियां होनी चाहिए। इसमें दो राय नहीं कि यह कांग्रेस नेतृत्व के संवैधानिक दायित्व हैं। कांग्रेस अपनी कमजोरियों की वजह से बीजेपी का मुकाबला नहीं कर पा रही है। पार्टी में ऐसी नेतृत्व नहीं है जो उसे आगे ले जाए। चाको ने कहा कि  बीजेपी में नहीं जाएंगे। मैं कांग्रेस में इसलिए था क्योंकि यह एक सिक्यूलर पार्टी है। मैं कल क्या करूंगा यह बता नहीं सकता की सेवा जारी रखूंगा। केरल की 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की कांग्रेस 2 गुटों में विभाजित है।

    मल्लिकार्जुन खरगे का जवाब

    राज्यसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने चाको के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि कांग्रेस में 2 गुट नहीं हैं। यह एक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस है जिसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। इस समय हमारा एक मात्र उद्देश्य विधानसभा चुनावों में बीजेपी को हराना है यह गलत फहमी बिल्कुल न रहे कि कांग्रेस एक जुटता के साथ चुनाव नहीं लड़ पाएगी। कांग्रेस में आंतरिक चर्चा होती है और मुद्दों पर बहस की जाती है।

    चाको ने पहले भी विवादित बयान दिया था। जब दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्हें प्रभारी बनाया गया था। पार्टी की हार के बाद उन्होंने कहा था कि दिल्ली में कांग्रेस के पतन की शुरुआत उसी समय हो गई थी जब शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थीं और आम आदमी पार्टी का उदय हुआ था। केरल में चाको के इस्तीफे से खास फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि वह एलडीएफ और यूडीएफ के बीच सत्ता आती जाती रहती है।