2030 तक किस्मत खुलेगी, भारत विश्व की तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनेगा

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    आजादी के बाद के 75 वर्षों में जो नहीं हो पाया वह अब कुछ ही वर्षों में संभव हो सकता है. विकासशील देश की परिभाषा से बाहर निकलकर भारत 2030 तक विश्व की तीसरी बड़ी इकोनामी बनकर इतिहास रच देगा. यह कोई खयाली पुलाव या किसी राजनेता का हवाई आश्वासन नहीं है बल्कि ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक मॉर्गन स्टैनली का आकलन है. 

    व्हाय दिस इज डिकेड आफ इंडिया (यह भारत का दशक क्यों है) शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट में काफी ठोस दलीलों से यह दावा किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक जनसांख्यिकी, डिजिटलाइजेशन, डिकार्बनाइजेशन और डिग्लोबलाइजेशन भारत के पक्ष में जाते दिख रहे हैं. मार्गन स्टैनली ने विविध मानदंडों पर काम करते हुए नए भारत की प्रगति की दिशा का अवलोकन किया है. 

    भारत में सामान्य व्यक्ति को अधिकार देनेवाली आधार कार्ड प्रणाली की सफलता का उल्लेख करते हुए रिपोर्ट में कहा गया कि यह सभी भारतीयों के लिए मूलभूत पहचान पत्र है जो कानूनी सहित विविध चुनौतियों से निपटने के बाद सर्वव्यापी हो चुका है. भारत के 1.3 अरब लोगों के पास डिजिटल पहचानपत्र होने से वित्तीय लेनदेन तथा सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत लाभार्थियों के खाते में सीधा भुगतान (डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर) बड़ी दक्षता के बगैर किसी लीकेज के किया जा रहा है.

    आय और खर्च दोनों बढ़ेंगे

    रिपोर्ट में अनुमान व्यक्त किया गया है कि भारत में एक दशक के भीतर ऐसे परिवारों की संख्या ढाई करोड़ से अधिक हो जाएगी जिनकी आय 35,000 अमेरिकी डॉलर प्रतिवर्ष से अधिक हो जाएगी. पारिवारिक आय में वृद्धि होने से 2031 तक देश की जीडीपी दोगुने से भी अधिक बढ़कर 7.5 लाख करोड़ डॉलर या 6.20 लाख करोड़ रुपए हो जाएगी. इसी तरह 2031 तक प्रति व्यक्ति आय वर्तमान 2,278 डॉलर से बढ़कर 5,242 डॉलर हो जाएगी. इससे लोग अधिक खर्च करेंगे जिसमें खपत बढ़ेगी. इसलिए उत्पादन भी अधिक होगा.

    चहुंमुखी तरक्की होगी

    अगले 10 वर्षों में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 65 करोड़ से बढ़कर 96 करोड़ हो जाएगी. ऑनलाइन खरीदारों की तादाद 25 करोड़ से बढ़कर 70 करोड़ हो जाएगी. ई-कामर्स अभी 6.5 प्रतिशत है जो 12.3 प्रतिशत हो जाएगा. रिहायशी संपत्ति (रियल एस्टेट) के बाजार में उछाल आएगा. 2021 से 2030 के बीच विश्व भर में कार बिक्री का लगभग 25 फीसदी हिस्सा भारत में ही होगा. यहीं बड़ी तादाद में गाड़ियां बनेंगी. 

    2030 तक यानी वाहन बिक्री का 30 प्रतिशत हिस्सा इले्ट्रिरक वाहनों का होगा. तकनीकी सेवा क्षेत्र में भारत का कार्यबल (वर्क फोर्स) 2021 के 51 लाख से दोगुने से ज्यादा होकर 2031 में 1.22 करोड़ हो जाएगा. स्वास्थ्य सेवा या हेल्थकेयर का विस्तार भी होने जा रहा है. वह वर्तमान 30-40 प्रतिशत से बढ़कर 60 से 70 फीसदी हो सकता है. 

    हेल्थ सेक्टर में 40 करोड़ नए लोगों को प्रवेश मिलेगा. भारत ऊर्जा प्रसार को आगे बढ़ा रहा है अगले 1 दशक में ऊर्जा क्षेत्र में 700 अरब डॉलर से अधिक के निवेश की उम्मीद है. अमेरिका व चीन के बाद भारत ही तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनने की ओर अग्रसर है.