navabharat special The real figure of corona deaths, why is the government trying to hide

विदेशी पत्र-पत्रिकाओं ने ये सारी तस्वीरें छापीं.

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    शायद ही कोई व्यक्ति ऐसा होगा जिसने कोरोना महामारी में अपने किसी रिश्तेदार, मित्र या परिचित को नहीं खोया. कोरोना ने बड़े-छोटे, अमीर-गरीब, शहर-गांव में कोई भेदभाव नहीं किया. निश्चित रूप से 130 करोड़ की आबादी वाले हमारे देश में बड़ी तादाद में लोगों की संक्रमण से मौत हुई लेकिन बेचैनी न फैले, इसलिए आंकड़ों को छुपाया जाता रहा. यह ऐसी त्रासदी थी जिसमें इतनी चिताएं एक साथ जलीं कि मरघट में जगह कम पड़ गई. गंगा में बहते दर्जनों शव भयानक दृश्य उपस्थित कर रहे थे. यूपी से बहते हुए शव बिहार तक जा पहुंचे थे. विदेशी पत्र-पत्रिकाओं ने ये सारी तस्वीरें छापीं. भले ही प्रधानमंत्री दावा करें कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई लेकिन हजारों लोगों ने अपने परिजनों को इसलिए खो दिया कि अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं थी. किसी को अनुमान भी नहीं था कि ऑक्सीजन की मांग अचानक इतनी अधिक बढ़ जाएगी. कोविड मरीजों के इलाज में प्राइवेट अस्पतालों ने जमकर लूट-खसोट की. यद्यपि कोरोना संकट टल चुका है लेकिन अब यह बात सामने आई है कि भारत सरकार कोरोना से हुई मौतों को सार्वजनिक करने के विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रयासों को रोक रही है.

    डब्ल्यूएचओ के मुताबिक भारत में 40 लाख लोग मरे

    डब्ल्यूएचओ के मुताबिक भारत में कोविड से मरने वालों की संख्या कम से कम 40,00,000 है जो कि आधिकारिक आंकड़े का 8 गुना है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा. राहुल ने ट्वीट किया पीएम मोदी न तो सच बोलते हैं और न ही दूसरों को बोलने देते हैं. वो तो अब भी झूठ बोलते हैं कि ऑक्सीजन की कमी से कोई नहीं मरा. मैंने पहले भी कहा था कि कोविड में सरकार की लापरवाहियों से 5 लाख नहीं, 40 लाख भारतीयों की मौत हुई. राहुल ने प्रधानमंत्री से फर्ज निभाने और हर पीड़ित परिवार को 4 लाख रु. मुआवजा देने की मांग की. स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में कोविड-19 मृत्यु दर का आकलन करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की पद्धति पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह के गणितीय मॉडल का इस्तेमाल इतने विशाल भौगोलिक आकार और जनसंख्या वाले देश में मृत्यु के आंकड़ों का अनुमान लगाने में नहीं किया जा सकता. न्यूयार्क टाइम्स ने 16 अप्रैल को प्रकाशित किया था कि भारत वैश्विक कोविड मृतक संख्या सार्वजनिक करने के डब्ल्यूएचओ के प्रयासों को बाधित कर रहा है. सभी जानते हैं कि अस्पतालों में बेड मिल पाना मुश्किल हो गया था. ग्रामीण व दुर्गम इलाकों के कोरोना मरीज अस्पताल पहुंचने से पहले ही चल बसे.

    मुआवजे में बड़ी रकम देनी होगी

    सरकार यदि मृतकों का बड़ा आंकड़ा स्वीकार कर ले तो उतने लोगों के परिवारों को मुआवजा देना पड़ेगा इसलिए वह आंकड़ा छुपा रही है. इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवा की कमी और विफलता भी सामने आएगी. भारत सरकार ने पहली लहर बीत जाने के बाद कोरोना वैक्सीन को विश्व भर के देशों को दान देकर अपनी उदारता दिखाई लेकिन जब कोरोना की दूसरी लहर आई, तब देश वैक्सीन की कमी से जूझ रहा था. वैक्सीन सप्लाई के बढ़ते सरकारी दबाव की वजह से वैक्सीन निर्माता अदर पूनावाला विदेश चले गए थे.

    फिर कोरोना की आहट

    देश में कोरोना की चौथी लहर आ रही है. देश में 24 घंटे में 1150 नए मामले सामने आए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कोरोना मामलों की कुल संख्या 4,30,39,972 हो गई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक महामारी से मरने वालों की संख्या 5,21,743 हो गई है. दिल्ली, यूपी, हरियाणा में एक सप्ताह में कोरोना संक्रमण के केस दो गुने हो गए हैं. इससे समूचे देश में तनाव है कि क्या चौथी लहर फिर कहर ढाएगी? चीन के शंघाई शहर में सरकार ने लंबे समय से लॉकडाउन लगा रखा है. इतने पर भी वहां हालात नहीं सुधर रहे और कोरोना से लगातार लोगों की मौत हो रही है.

    ‘दिल्ली कैपिटल्स’ की टीम क्वारंटाइन

    आईपीएल में भाग ले रही ‘दिल्ली कैपिटल्स’ का एक और खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पूरी टीम को क्वारंटाइन कर दिया गया. आईपीएल टूर्नामेंट बायो-बबल में न होकर खुले में हो रहा है. इसमें खिलाड़ियों का संक्रमित होना चिंता का विषय है.