यह भी एक अजूबा है कि एक नेता एक साथ 33 संसदीय सीटों पर उपचुनाव लड़े! ऐसा कहीं नहीं होता लेकिन पाकिस्तान में होने जा रहा है. पता नहीं वहां का संविधान कैसे इस बात की इजाजत देता है. भारत में एक नेता ज्यादा से ज्यादा 2 सीटों पर एक साथ चुनाव लड़ता है ताकि किसी एक चुनाव क्षेत्र से अपनी जीत सुनिश्चित कर सके. पाकिस्तान में 16 मार्च को नेशनल असेंबली की 33 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है. इसमें सभी सीटों पर पाकिस्तान तहरीके इंसाफ (पीटीआई) के इकलौते उम्मीदवार अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान होंगे.
पाकिस्तान में उपचुनाव की नौबत इसलिए आई क्योंकि गत वर्ष अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के बाद सत्ता से बेदखल किए गए इमरान खान की पार्टी के सांसदों ने निचले सदन (नेशनल असेंबली) से सामूहिक रूप से इस्तीफा दिया था. तब सदन के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ ने सांसदों के इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया था. उन्होंने कहा था कि इस बात की व्यक्तिगत रूप से पड़ताल करनी होगी कि क्या सांसद अपनी मर्जी से इस्तीफा दे रहे हैं या दबाव में उन्होंने ऐसा किया है.
गत माह स्पीकर ने पीटीआई के 35 सांसदों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए और शेष 43 पीटीआई सांसदों के इस्तीफे के बाद इमरान खान के नेशनल असेंबली में लौटने की घोषणा की. इस कदम को उठाने का उनका मकसद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को विश्वास मत की परीक्षा में डालना है. यह पहला मौका नहीं है कि जब इमरान खान सत्तारूढ़ पीडीएम के खिलाफ अनेक सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं अक्टूबर 2002 में भी इमरान खान ने 8 सीटों से चुनाव लड़ा था और 6 सीटों पर विजयी हुए थे. इमरान खान को सभी 33 सीटों से लड़ाने का फैसला उनकी पार्टी पीटीआई की कोर कमेटी ने लिया.