वीकेंड कर्फ्यू की तैयारी, महाराष्ट्र फिर पाबंदियों की ओर

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    विगत कुछ समय से जिंदगी पटरी पर लौटती दिखाई दे रही थी किंतु परिस्थितियां फिर चिंताजनक होती नजर आ रही हैं. कोरोना की तीसरी लहर का आगाज हो चुका है और संक्रमण तेजी से फैल रहा है. जाहिर है कि ऐसी स्थिति में पुन: पाबंदियां बढ़ जाएंगी. सरकार सप्ताहांत में शनिवार-रविवार को लॉकडाउन लगाने का फैसला कर सकती है.

    उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कोविड टास्क फोर्स के साथ बैठक के बाद बताया कि सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल्स व धार्मिक स्थलों को बंद रखने पर फैसला लिया जा सकता है ताकि संक्रमण बढ़ने से रोका जा सके. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के वैज्ञानिकों का मानना है कि अब से 13 जनवरी तक मुंबई में संक्रमण के मामले चरम पर पहुंच सकते हैं. इसे देखते हुए लोकल ट्रेनों में भीड़ कम करने के लिए आवश्यक सेवा से जुड़े कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की अनुमति दी जा सकती है.

    यूनिवर्सिटी, कॉलेज बंद

    कोरोना के प्रकोप को देखते हुए उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने मुंबई सहित महाराष्ट्र के सभी विश्वविद्यालय व कॉलेज 15 फरवरी तक के लिए बंद करने और विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाने व परीक्षा लेने का निर्देश दिया. विद्यार्थियों को दिक्कत न हो, इसलिए हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किए जाएंगे.

    क्वारंटाइन की अवधि घटी

    राज्य में होम क्वारंटाइन की अवधि अब घटाकर 7 दिन कर दी गई है जो पहले 10 दिन थी. होम क्वारंटाइन की अवधि समाप्त होने के बाद संबंधित व्यक्ति को आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना होगा. 3 दिनों में संक्रमितों की संख्या दोगुनी हो गई जो चिंता का विषय है. करीब 797 मरीजों में नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई है जिससे 3 दिनों में राज्य के 230 डॉक्टर संक्रमित हो गए.

    एनसीपी के कार्यक्रम रद्द

    कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने अपनी पार्टी के सभी नियोजित कार्यक्रम रद्द करने का फैसला किया है. पार्टी के चुनाव प्रवक्ता और अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक ने इस महीने एनसीपी के नियोजित शिविरों और अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों को रद्द करने की घोषणा की. यद्यपि पार्टी स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारी कर रही है लेकिन इसके लिए मंत्री व पालक मंत्री हर जिले में जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं और लोगों से बातचीत कर जानकारी लेंगे.

    ऐसी है उपाय योजना

    राज्य सरकार व प्रशासन कांटैक्ट ट्रेसिंग पर जोर देगा कि पीड़ित व्यक्ति किस-किस के संपर्क में आया था. टेस्ट की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. हल्के लक्षण वाले मरीजों का डॉक्टरों की निगरानी में घर पर ही इलाज होगा जबकि गंभीर मरीजों के लिए कोविड हेल्थ सेंटर व कोविड अस्पतालों की व्यवस्था की जाएगी. उपचार के लिए सभी आवश्यक दवाइयों की सुचारू आपूर्ति की जाएगी. इसके अलावा स्वास्थ्य प्रणाली में आवश्यक जनशक्ति की समीक्षा भी की जाएगी. ओमिक्रॉन में मास्क से पर्याप्त सुरक्षा हो सकती है लेकिन भीड़ भरी जगहों पर जाना खतरनाक हो सकता है.