Shocking, frequent plane crashes in Nepal

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    15 जनवरी 2023 को सुबह 10 बजकर 33 मिनट पर नेपाल के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से येती एयरलाइंस के 9 एन-एनसी एटीआर-72 विमान ने पोखरा हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरी, इसमें 68 यात्री और 4 क्रू मेंबर यानी कुल 72 लोग सवार थे. फ्लाइट को सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में उतरना था, उड़ान करीब करीब सफलतापूर्वक पूरी हो गई थी, विमान लैंडिंग कर रहा था, लेकिन लैंडिंग के महज 10 सेकंड पहले हादसा हो गया. विमान पहाड़ी से टकरा गया और उसमें आग लग गई. इसके बाद उस पर कंट्रोल नहीं किया जा सका और वह येती नदी की खतरनाक घाटी में जा गिरा. दुर्घटना स्थल से 68 शल निकाले जा चुके थे और बाकी 4 शवों की तलाश जारी थी.

    इस विमान में 53 नेपाली यात्रियों के साथ 5 विदेशी यात्री सवार थे, जिनमें 5 भारतीय भी थे. 4 उत्तर प्रदेश और एक बिहार से. दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान को जिस पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में उतरना था, उसे चीन ने बनाया है और अभी दो हफ्ते पहले ही इसका उद्घाटन हुआ है. विमान दुर्घटनाओं के लिए कुख्यात नेपाल में पिछले 28 सालों से यह 30वां विमान हादसा है और अगर नेपाल अब तक हुए विमान हादसों की गिनती करें तो यह 104वां हादसा था. नेपाल में अब तक 96 यात्री विमान और 8 हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं. पोखरा का अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट चीन द्वारा 22 अरब रुपये के सॉफ्ट लोन से निर्मित हुआ और इस बात को ध्यान में रखकर इसका निर्माण कराया गया कि पुरानी निर्माण तकनीक के कारण होने वाले हादसे इस आधुनिक एयरपोर्ट में न हों. इस नये एयरपोर्ट का लोगों की जुबान में नाम भी सही से नहीं चढ़ा था कि हादसा हो गया.

    सवाल है आखिर नेपाल में बार-बार विमान हादसे क्यों होते हैं? इस विमान हादसे के पीछे मैकेनिकल खराबी वजह थी. हालांकि दूसरी तरफ अथॉरिटी यह भी कह रही है कि उड़ान के पहले सभी टेक्निकल जांच पूरी की गई थी और उसमें कोई भी खराबी नहीं देखी गई थी. इसलिए कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि दुर्घटना का कारण मौसम की खराबी हो सकती है. हालांकि अभी तक अंतिम रूप से किसी एक वजह पर सहमति नहीं बनीं. अगर तथ्यों के हवाले से देखा जाए तो पोखरा एयरपोर्ट से जो शुरुआती सूचनाएं मिली थी, उनके मुताबिक पायलट ने दो बार लैंडिंग की परमिशन मांगी थी. दरअसल पोखरा का रनवे पूर्व-पश्चिम दिशा की ओर बना हुआ है. पायलट ने पहले पूर्व की तरफ से लैंडिंग कराने की परमिशन मांगी थी और उसे परमिशन मिल भी गई थी, लेकिन कुछ ही मिनटों बाद पायलट ने पश्चिम की तरफ से लैंडिंग की परमिशन मांगी और उसे इस ओर सेभी लैंडिंग की परमिशन दे दी गई.

    लेकिन सेफ लैंडिंग संभव नहीं हो सकी. अगर स्थानीय मीडिया की मानें तो विमान रनवे के आगे स्थित पहाड़ी से टकराकर येती नदी की खाई में जा गिरा. गौरतलब है कि जो विमान दुघटिनाग्रस्त हुआ, उसी विमान ने 01 जनवरी 2023 को इस एयरपोर्ट के लिए डेमो फ्लाई किया था. विमान की मैक्सिमम स्पीड करीब 500 किलोमीटर प्रतिघंटा थी, जबकि दो इंजन वाले इस विमान में प्रैट एंड व्हिटनी पी डब्ल्यू 127 इंजन लगे हुए थे. अगर तकनीकी तौर पर देखा जाए तो विमान काफी सुरक्षित था. लेकिन नेपाल में विमान हादसों का जो खौफनाक सिलसिला दशकों से चल रहा है, आखिरकार यह विमान भी उसी का हिस्सा बन गया. पूरी दुनिया में नेपाल को विमान यात्रा के लिए बेहद खतरनाक देश माना जाता है. दुनिया का सबसे खतरनाक माना जाने वाला एयरपोर्ट तेनजिंग-हिलेरी भी नेपाल में ही स्थित है.

    नेपाल में बार-बार होने वाली इन त्रासद विमान दुर्घटनाओं की आखिर वजह क्या है? अगर नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण की मानें तो मौसम पैटर्न की विविधता तथा छोटे और पुराने विमानों का आधुनिक तकनीक से पूरी तरह लैस न होना, इन दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है. अगर दुनिया इस बात को अच्छी तरह से जानती है कि नेपाल में हवाई यात्रा मानव जीवन के लिए खतरनाक है तो फिर इस तरह की यात्रा की आखिर इजाजत ही क्यों दी जाती है?

    विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल के हवाई अड्डों में जो श्वाश्वत संकट है यानी यहां रनवे बहुत छोटे और खतरनाक पहाड़ियों से घिरे हैं, पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी उन्हीं स्थितियों का शिकार है. चीन को कम से कम इस बात को ध्यान में रखना ही चाहिए था कि दुनिया के दूसरे हवाई अड्डों के मुकाबले यहां विमानों में उतरने और उड़ान भरने के लिए ज्यादा जगह होनी चाहिए. क्योंकि रनवे के साथ ही तीर के नाम वाली पहाड़ियां हैं. लेकिन नेपाल जैसा छोटा देश, चीन पर इसके लिए दबाव नहीं डाल सकता. मगर दुनिया को तो सोचना ही होगा कि आखिर रह रहकर नेपाल में हो रहे इन विमान हादसों का हल क्या है?

    -वीना गौतम