जब कही कोई शिकायत दर्ज नहीं है तो सिर्फ एक बयान के आधार पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आवास पर पुलिस के पहुंचने और 2 घंटे पूछताछ करने में कौन सा तुक था? क्या यह सब जानबूझकर घेरने और परेशान करने के लिये किया जा रहा है? अपनी भारत जोड़ों यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने एक भाषण में कहा था कि कश्मीर में उन्होंने महिलाओं को रोते हुये देखा. उन महिलाओं ने उनहें बताया कि उनके साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म हुआ था. कुछ ने बताया कि उनके रिश्तेदारों ने उनके साथ ऐसी हरकत की थी. जब मैंने उनस पूछा कि क्या मैं यह बात पुलिस को बताऊं तो उन्होंने कहा कि पुलिस को मत बताना क्योंकि ऐसे में उन्हें और अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.
यह है हमारे देश की हकीकत! इस कथन को लेकर दिल्ली पुलिस ने विशेष आयुक्त सागर प्रीत हूड्डा और डीसीपी प्रणय तायल राहुल गांधी के निवास पर पूछताछ के लिये गये कि वे यौन शोषण पीड़ितों के बारे में जानकारी दें. राहुल ने 8-10 दिनों का समय मांग और कहा कि वह सारी जानकारी एकत्र कर भेजेंगे. शाम को उन्होंने पुलिस को प्राीामिक उत्तर भिजवा दिया. अपने 10 सूत्री उत्तर में राहुल ने मुद्दे पर बात नहीं की बल्कि पुलिस अपनाई गई प्रक्रिया व कार्यप्रणाली का जिक्र किया. राहुल ने पुलिस की कार्रवाई को अभूतपूर्व बताया और पूछा कि कहीं इसका उनके द्वारा संसद के भीतर और बाहर उठाएगा. अदानी मुद्दे से तो कोई संबंध नहीं है? राहुल का पक्ष लेते हुये राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गाहलोत ने कहा कि बगैर गृह मंत्रालय और ऊपर के निर्देश के यह संभव नहीं है कि पुलिस यहां तक पहुंचे.
जब राहुल गांधी ने कह दिया कि उन्हें नोटिया मिला है, वे उसका जवाब देंगे, इसके बावजूद पुलिस उनके यहां पहुंची. इनकी हिम्मत कैसे हो गई कि यहां तक पहुंच गये. पूरा देश इनकी हकतों को देख रहा है. देश इन्हें मान्य नहीं करेगा. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने इस प्रकरण को देश में अघोषित आपातकाल करार दिया. केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार की छोटी सोच है जो राहुल गांधी को परेशान करना चाहती है.
कांग्रेस का दावा है कि केद्र में बैठी बीजेपी ऐसा इसलिये कर रही है क्योंकि राहुल आदानी मुद्दे पर लगातार सरकार को घेर रहे हैं. इनके जवाब में बीजेपी ने कहा कि दिल्ली पुलिस सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रही है. यदि राहुल गांधी झूठ नहीं बोल रहे हैं तो न्याय की खातिर उन्हें महिलाओं के यौन उत्पीडन मामले की जानकारी देनी चाहिए. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी सागरप्रीत हुड्डा ने कहा कि भारत जोडे यात्रा दिल्ली में भी थी जिसकी सुरक्षा में मैं शामिल था जब राहुल ने दुष्कर्म और यौन उत्पीडन की बात कही तो हमने सोचा कि कानूनी कार्रवाई का पीड़ितों को न्याय देना चाहिए. हमने प्राथमिक जांच की तो कुछ नहीं मिला. उस समय राहुल विदेश में थे. हमने उनकी वापसी का इंतजार किया. उनसे 2 बार संपर्क किया. अब वे कहते हैं कि उन्हें समय चाहिए. हम इस मामले में साक्ष्य लेना नहीं चाहते और यह भी नहीं चहाते कि पीड़िता का आगे भी उत्पीड़न हो.