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    करोड़ों भारतीय क्रिकेट प्रेमियों की उम्मीदें धराशायी हो गईं जब विश्व कप के दूसरे सेमी फाइनल में इंग्लैंड की टीम ने भारत को पूरे 10 विकेट से पराजित किया. निश्चित रूप से यह बेहद शर्मनाक हार रही. कहां तो लोग उम्मीद लगाए बैठे थे कि फाइनल में भारत और पाक की चिर प्रतिद्वंद्वी टीमें एक दूसरे के सामने होंगी लेकिन इंग्लैंड के दोनों सलामी बल्लेबाजों एलेक्स हेल्स और जोस बटलर ने अपने सधी हुई बल्लेबाजी से भारत के सपने को चूर-चूर कर दिया.

    हार का ठीकरा किसी न किसी के सिर फोड़ना ही था. भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने गेंदबाजों के खराब प्रदर्शन को पराजय के लिए जिम्मेदार ठहराया. मोहममद शमी, भुवनेश्वर कुमार, रविचंद्रन अश्विन और हार्दिक पंड्या 20 ओवर में इंग्लैंड के एक भी खिलाड़ी को आउट नहीं कर पाए. इतना ही नहीं उन्होंने प्रति ओवर काफी रन जुटाए. गेंदबाजी की विफलता भारत को ले डूबी. कप्तान रोहित ने कहा कि जब हम नॉकआउट चरण में पहुंच जाते हैं तो उसमें दबाव से निपटना अहम हो जाता है. यह हर व्यक्ति की मानसिक तैयारी पर निर्भर करता है. आप किसी को दबाव से निपटना नहीं सिखा सकते.

    क्रिकेट अनिश्चितता का खेल है. आयरलैंड से हार जानेवाली इंग्लैंड की टीम फाइनल में जा पहुंची. भारत का 69 रन का स्कोर बहुत अच्छा नहीं तो बहुत बुरा भी नहीं था. यह 8 रन प्रति ओवर से भी कुछ ज्यादा ही था यदि गेंदबाज भेदक और सटीक गेंदबाजी करते तो इतनी दुर्गति नहीं होती. निश्चित रूप से इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाजों की तारीफ करनी होगी जो बड़ी दृढ़ता और कुशलता से पूरे 20 ओवर खेले और अंत तक नॉटआऊट रहे.

    इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने शुरूआत में अपने साथी एलेक्स हेल्स को बल्लेबाजी का अधिक मौका दिया. हेल्स ने भारतीय गेंदबाजों की धुनाई करते हुए 47 गेंदों में नाबाद 86 रन बनाए जो टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में उनका 2वां अर्धशतक था. इसी तरह बटलर ने 49 गेंदों में नाबाद 80 रन बनाए. इस सलामी जोड़ी के सामने भारत के स्पिन या तेज गेंदबाजों की एक न चली. गेंदों की बेधड़क ढुकाई करनेवाले एलेक्स हेल्स का स्ट्राइक रेट 163.27 रहा.

    भारतीय टीम के बल्लेबाजों को लेकर क्रिकेट प्रेमियों को काफी आशाएं थीं. खासतौर पर सेमीफाइनल के पहले तक सूर्यकुमार की तारीफों के पुल बांधे जा रहे थे. सुनील गावस्कर ने उसे मिस्टर 360 डिग्री करार दिया था. वह बिल्कुल जम नहीं पाया. इसके विपरीत अनुभवी बल्लेबाज विराट कोहली ने इस मैच में भी अपना शानदार फॉर्म जारी रखा. उन्होंने सेमीफाइनल में 40 गेंदों में 4 चौकों और 1 छक्के के साथ 50 रन की पारी खेली और टी-20 इंटरनेशनल में 4,000 रन बनानेवाले पहले बल्लेबाज बने.

    हार्दिक पंड्या को छोड़कर किसी भी अन्य बल्लेबाज ने कोहली का साथ नहीं निभाया. पंड्या ने कोहली के साथ 61 रनों की साझेदारी की. उन्होंने 109.91 के स्ट्राइक रेट से सिर्फ 33 गेंदों में 63 रन बनाए. कोहली और पंड्या को छोड़ कोई बल्लेबाज टिक नहीं पाया. रोहित शर्मा और केएल राहुल शुरूआती बल्लेबाजों के रूप में मिसफिट साबित हुए. रोहित ने 27 और राहुल ने सिर्फ 5 रन बनाए. बुमराह जैसे गेंदबाज का उपलब्ध न होना भी हार की बड़ी वजह रहा. युजवेंद्र चहल को भी मौका नहीं दिया गया.