अपने समय में विश्वविख्यात एयर इंडिया को पहले जैसी स्थिति में लाएंगे टाटा

    Loading

    एयर इंडिया अपने घर लौट आया. टाटा ने 69 वर्ष बाद फिर एयर इंडिया का स्वामित्व हासिल कर लिया. इसके बाद ही एयर इंडिया का एक नया अध्याय प्रारंभ हो गया जिसमें टाटा संस फिर से इस एयरलाइन को गौरव के शिखर पर ले जाएंगे. इसमें एयर इंडिया एक्सप्रेस और एयर एशिया इंडिया का विलय होने की उम्मीद है. एयर इंडिया के प्रमुख शीर्ष कर्मियों को टाटा कार्य संस्कृति से अवगत कराया जाएगा. सारा स्टाफ एक वर्ष तक कायम रखा जाएगा, इसके बाद वीआरएस की प्रक्रिया प्रारंभ होगी. प्राथमिकता के तौर पर वरिष्ठ प्रबंधक को एयर इंडिया का दायित्व सौंपा जाएगा.

    टाटा का विशेष संदेश

    टाटा संस के चेयरमैन एमेरिटस रतन टाटा का विशेष ऑडियो संदेश फ्लाइट में सुनाया जाएगा. इसमें केबिन के सदस्यों को निर्देश दिया गया है कि वे सभी यात्रियों को अतिथि मानें और उनकी सुरक्षा व सेवा के स्तर को सुनिश्चित करें. चालक दल के सदस्य सही यूनिफार्म के साथ चुस्त-दुरुस्त रहने चाहिए. एयरपोर्ट पर ग्रूमिंग एग्जीक्यूटिव उनका निरीक्षण करेंगे. ढीलापन या अस्तव्यस्त रहना बिलकुल नहीं चलेगा. फ्लाइट रवाना होने के 10 मिनट पहले दरवाजे बंद कर दिए जाएंगे. प्रारंभिक दिनों में चुनिंदा फ्लाइट्स में यात्रियों को खाना खिलाया जाएगा. बाद में यह सेवा एयर इंडिया की सभी उड़ानों में लागू कर दी जाएगी.

    आगे स्वर्णिम युग है

    टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखर जिन्हें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म भूषण से सम्मानित किया गया, ने कहा कि एयर इंडिया का स्वर्णिम युग आगे है. हम इसे वर्ल्ड क्लास एयरलाइंस बनाने पर काम करेंगे. इसे देश की जरूरतों के मुताबिक बनाने के लिए कर्मचारी पूरे मनोयोग से काम करें. सारा राष्ट्र देखना चाहता है कि हम सब मिलकर क्या हासिल करने जा रहे हैं.

    वित्त मंत्रालय ने कहा कि टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को, जो कि टाटा संस के पूर्ण स्वामित्व की कंपनी है, एयर इंडिया का पूरा शेयर ट्रांसफर हो चुका है. टाटा ने 15,300 करोड़ रुपए का एयर इंडिया व एयर इंडिया एक्सप्रेस के कर्ज के भार को स्वीकार किया है. शेष 46,262 करोड़ रुपए के कर्ज तथा ईंधन का 15,000 करोड़ के बकाया का भुगतान सरकार ने किया है. नागरी उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह गौर करने वाली बात है कि एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरी हो गई. यह सरकार की कुशलता और संकल्प को दर्शाता है कि वह गैर रणनीतिक क्षेत्रों में सक्षमतापूर्वक विनिवेश कर सकती है.

    टाटा के लिए भावनात्मक क्षण

    एयर इंडिया की स्थापना अप्रैल 1932 में जेआरडी टाटा ने की थी. तब इनका नाम टाटा एयरलाइंस था. इसकी पहली उड़ान सिंगल इंजन वाले हैवी लैंड पसमोथ विमान से हुई थी जिसमें कोई यात्री नहीं था, बल्कि 25 किलो डाक (चिट्ठियां) लेकर जेआरडी टाटा कराची से अहमदाबाद होते हुए मुंबई लाए थे. 1947 में भारत सरकार ने इसकी 49 प्रतिशत साझेदारी ली और 1953 में एयर कारपोरेशन एक्ट पारित कर एयर इंडिया का स्वामित्व ले लिया था.

    अब बेहतर सुविधाएं

    स्टेट बैंक ने कहा कि वह एयर इंडिया को जितनी आवश्यक होगी उतनी वर्किंग कैपिटल और लोन देगा. एयर इंडिया के पास घरेलू और अंतरराष्ट्रीय रूट पर कई महत्वपूर्ण उड़ानें हैं. विश्व के बड़े हवाई अड्डों व नगरों में एयर इंडिया की प्रापर्टी भी है. नए प्रबंधन के साथ घरेलू व अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वालों को इसमें बेहतर सुविधाएं मिल सकती हैं. सरकारी प्रबंधन में एयर इंडिया का घाटा लगातार बढ़ता गया. नेताओं और सरकारी अधिकारियों से यात्रा खर्च नहीं वसूला जा सका था जो कि इसे मुफ्त टैक्सी की तरह इस्तेमाल करते थे. अब टाटा इसे पेशेवर ढंग से चलाएंगे और विश्व स्तर की गौरवशाली एयरलाइंस बनाएंगे.