Pimpri Chinchwad Municipal Corporation

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    पिंपरी: आम चुनाव अधर में लटक गए हैं, उसी में नगरसेवकों का कार्यकाल समाप्त हो गया है।  पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) में प्रशासक (Administrator) नियुक्ति लागू हो गई और राज्य सरकार के आदेशानुसार महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटिल ने प्रशासक का पदभार भी संभाल लिया। अब उन्हें सर्वसाधारण सभा के सभी अधिकार उन्हें मिल जाएंगे। नतीजन स्थायी समिति द्वारा मंजूर किए गए बजट की अमलबाजी को लेकर उत्सुकता बढ़ी रही। हालांकि महानगरपालिका कमिश्नर और प्रशासक पाटील ने स्पष्ट किया है कि स्थायी समिति (Standing Committee) ने बजट (Budget) में नेक नीयत से उप-निर्देश दिए हैं। उन उप-निर्देशों को स्वीकार किया जाएगा जो स्वीकार्य होंगे। प्रशासक के पास महासभा का अधिकार हैं अतः स्थायी समिति द्वारा अनुमोदित बजट को मंजूरी दी जाएगी और उसकी अमलबाजी 1 अप्रैल से की जाएगी।

    महानगरपालिका कमिश्नर पाटिल ने 18 फरवरी को सन 2022-23 नए वित्त वर्ष के लिए मूल 4961 करोड़ 65 लाख और केंद्र और राज्य सरकार की पुरस्कृत योजनाओं के साथ 6497 करोड़ 2 लाख रुपए का बजट स्थायी समिति को पेश किया था। स्थायी समिति ने 23 फरवरी को इस बजट में 885 करोड़ 66 लाख रुपए के बदलाव और नई विकास परियोजनाओं का समावेश कर बजट को अंतिम मंजूरी के लिए सर्वसाधारण सभा के पास भेज दिया। 

    महानगरपालिका कमिश्नर को मिले सारे अधिकार

    13 मार्च से पहले विशेष सभा बुलाकर बजट पर चर्चा होकर मंजूरी मिलना अपेक्षित है। मगर परोक्ष में ऐसा नहीं हुआ और उसी में राज्य सरकार के आदेश से महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटिल ने प्रशासक का पदभार ग्रहण कर लिया। स्थायी समिति से लेकर सर्वसाधारण सभा तक के सारे अधिकार उन्हें मिल गए हैं। इसके चलते इसकी उत्सुकता बढ़ चली थी कि बतौर प्रशासक राजेश पाटिल स्थायी समिति द्वारा सुझाए गए बदलाव के साथ नए बजट को मंजूरी देते हैं या फिर बतौर कमिश्नर उनके द्वारा पेश किए बजट को?

     बजट में उप-निर्देश देने का नियम 

    महानगरपालिका प्रशासक राजेश पाटिल ने कहा कि बजट में उप-निर्देश देने का नियम है। अक्सर कई उप-निर्देशों में नियमों का पालन करने की कमी होती है। अतः इस बात की जांच करेगी कि बजट में स्थायी समिति द्वारा दिए गए उप-निर्देश स्वीकार्य हैं या नहीं।  महत्वपूर्ण और स्वीकार्य उप-निर्देश होंगे तो, उन्हें स्वीकार किया जाएगा। हो सकता है कि स्थायी समिति ने अच्छे इरादों के साथ उप-निर्देश दिए हों। अतः स्थायी समिति द्वारा स्वीकृत बजट को महासभा अर्थात प्रशासक के रूप में अनुमोदित किया जायेगा।  1 अप्रैल से प्रशासक द्वारा स्वीकृत स्थायी समिति के बजट को लागू किया जाएगा। स्थायी समिति ने बजट में पदाधिकारियों और अधिकारियों के लिए ई-वाहनों की खरीद, पद्म भूषण के पूर्व सांसद राहुल बजाज की स्मृति में आकुर्दी में एक स्मारक का निर्माण, बीआरटी मार्गों पर बस स्टैंड पर पुरुषों और महिलाओं के लिए शौचालयों का निर्माण, भोसरी में पर्यटन केंद्र में अंतरराष्ट्रीय मानक मछलीघर;  अंकुशराव लांडगे हॉल के पिछले हिस्से में एसटीपी परियोजना; एमएसईडीसीएल के लिए शेष स्थान में स्विचिंग स्टेशन की स्थापना के लिए स्थान का आवंटन सुझाया है। स्थायी समिति ने सुझाव दिया है कि भोसरी में नया अस्पताल पूरी क्षमता से चलाया जाना चाहिए और नागरिकों को 24 घंटे अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जानी चाहिए। इसके साथ ही पुणे-मुंबई महामार्ग पर वल्लभ नगर में सुसज्ज पत्रकार भवन का निर्माण भी सुझाया है।