चुनावी संभावना प्रभावित होगी ट्रस्ट के घोटाले से BJP का ट्रंप कार्ड कमजोर

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    नेकनामी हासिल करने में वर्षों लगते हैं लेकिन कुछ लोगों की चूक से अचानक बदनामी झेलनी पड़ती है. कोई भी ट्रस्ट हो, उसका कामकाज पारदर्शी व ईमानदारीपूर्ण होना चाहिए. यदि अमानत में खयानत का आरोप लगे तो ट्रस्ट की विश्वसनीयता को गहरा आघात लगता है. बीजेपी और संघ परिवार ने अयोध्या में भव्य राममंदिर के निर्माण के लिए दशकों तक अथक प्रयास किए. सब कुछ ठीक चल रहा था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद स्थितियां भी अनुकूल हो गई थीं. देश-विदेश से मंदिर निर्माण के लिए धन आने लगा था.

    लोगों ने चंदा देने में उत्साह दिखाया था लेकिन मंदिर निर्माण ट्रस्ट पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से मानो मीठी खीर में मुट्ठी भर नमक पड़ गया. इससे बीजेपी की छवि पर भी आंच आई है. कोटि-कोटि हिंदुओं की आस्था से जुड़े राममंदिर मुद्दे को ट्रंप कार्ड के रूप में भुनाने के इरादे से बीजेपी यूपी विधानसभा चुनाव तथा आगे लोकसभा चुनाव जीतने की रणनीति पर चल रही थी, लेकिन ट्रस्ट के लोगों की करनी से यह ट्रंप कार्ड कमजोर पड़ गया. ट्रस्ट जिस तरह निशाने पर आ गया है, उससे बीजेपी की चुनावी संभावनाओं पर विपरीत असर पड़ रहा है. विश्वास का संकट पैदा हो गया है. कांग्रेस सहित सभी विपक्षी पार्टियां बीजेपी, विहिप व संघ परिवार पर आरोप लगा रही हैं.

    साधु-संतों ने भी इसे लेकर मोर्चा खोल दिया है. राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी लड़ाई लड़ने वाले पक्षकारों निर्वाणी अखाड़े के प्रमुख महंत धर्मदास, दिगंबर अखाड़ा प्रमुख महंत सुरेश दास व निर्मोही अखाड़ा प्रमुख महंत सीताराम दास ने भी मंदिर के लिए जमीन खरीदी मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. इन संतों का आरोप है कि ट्रस्ट भ्रष्ट है. लोगों ने पैसा राम मंदिर, संतों की सेवा और गौमाता के लिए दान दिया है. जिन लोगों ने यह ट्रस्ट बनाया, उनके निजी स्वार्थ हैं, इसलिए इतना बड़ा घोटाला कर चंदे से मिली रकम का दुरुपयोग किया जा रहा है. 2 पीठों के प्रमुख शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती पहले ही ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को हटाने की मांग प्रधानमंत्री मोदी से कर चुके हैं. यूपी विधान मंडल दल के पूर्व नेता प्रदीप माथुर ने मांग की है कि इस घोटाले की सच्चाई सामने लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के उन्हीं जजों की समिति से जांच कराई जानी चाहिए जिन्होंने मंदिर निर्माण के लिए अंतिम फैसला सुनाया था.