परस्पर आरोपों की झड़ी मौत पर महाराष्ट्र राजनीति में भूचाल

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संदिग्ध स्थितियों में मौत के कितने ही मामले हुए हैं जो कुछ समय के बाद भूले-बिसरे मान लिए जाते हैं और उन पर चर्चा बंद सी हो जाती है परंतु गड़े मुर्दे उखाड़ने वाली राजनीति में कुछ भी हो सकता है. अभिनेता सुशांतसिंह राजपूत की मौत को लेकर बीजेपी ने आक्रामक रवैया अपनाया है. बीजेपी ने मांग की कि शिवसेना सांसद संजय राऊत व महाराष्ट्र सरकार में पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे से सीबीआई को पूछताछ करनी चाहिए. इसके अलावा बीजेपी ने दोनों नेताओं का नार्को टेस्ट करवाने की भी मांग की है. बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के शीर्ष नेता सवालों के घेरे में हैं. राहुल और प्रियंका गांधी को भी इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए.

निखिल ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार गंदी राजनीति में लिप्त है तथा सबूतों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है. इस मुद्दे पर शिवसेना ने बीजेपी को आईना दिखाते हुए बहुत ही तीखा जवाब दिया है. शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने नया मुद्दा उछालते हुए कहा कि केंद्र सरकार को सुशांत आत्महत्या की जगह बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे और न्यायमूर्ति बीएच लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की सीबीआई जांच करवानी चाहिए. सावंत ने कहा कि जज लोया की मौत रहस्यपूर्ण है और इसमें अमित शाह पर आरोप लगे हैं. इसी तरह गोपीनाथ मुंडे की मौत पर कई बीजेपी नेता भी सवाल उठाते रहे हैं. ऐसे में इन मामलों की निष्पक्ष जांच जरूरी है. इस तरह के बयानों से कौन विश्वास करेगा कि कभी बीजेपी और शिवसेना की हिंदुत्व के नाम पर महाराष्ट्र में युति थी! शिवसेना का तर्क अपनी जगह है कि जब सुशांत सिंह की मौत के मामले की सीबीआई जांच को बीजेपी इतनी तरजीह दे रही है तो गोपीनाथ मुंडे व जस्टिस लोया की मौत की भी जांच हो.

2014 में मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद जब मुंडे दिल्ली से मुंबई जाने के लिए तड़के सबेरे निकले थे तो एयरपोर्ट के रास्ते में उनकी कार को एक अन्य गाड़ी ने इस तरह टक्कर मारी कि ड्राइवर तो बच गया लेकिन मुंडे की मौत हो गई. इसे दुर्घटना मानकर रफा-दफा कर दिया गया. जस्टिस लोया की मौत का मामला भी चर्चा में रहा लेकिन इसे उठाने वालों पर काफी दबाव आया. एक वकील की संदिग्ध स्थिति में कोर्ट की इमारत से गिरने से मौत हुई. आखिर यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया. लोया के परिजनों ने भी कुछ कहने से इनकार कर दिया था. इस तरह जानी-मानी हस्तियों की आकस्मिक मौत को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आया हुआ है जो थमता दिखाई नहीं देता.