Arvind Kejriwal
अरविंद केजरीवाल

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    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ऐसी अनोखी योजनाएं बनाते हैं जो केंद्र सरकार पसंद नहीं करती. केजरीवाल की घर-घर राशन डिलीवरी की अनूठी स्कीम को दिल्ली हाई कोर्ट ने ओके कर दिया था लेकिन एलजी अनिल बैजल ने इसे ठुकरा दिया. शायद उपराज्यपाल बैजल सोचते होंगे कि जिसे जरूरत होगी, वह खुद ही राशन लेने दूकान पर आएगा, उसके घर राशन क्यों पहुंचाया जाए? कुआं भी कभी प्यासे के घर जाता है? प्यासे को ही कुएं पर आना पड़ता है. घर पर राशन मिलने से लोग आलसी और निकम्मे हो जाएंगे. उनकी झोला लेकर कतार में खड़े रहने की आदत छूट जाएगी. 

    यदि राशन की होम डिलीवरी शुरू हो गई तो दूकानदार क्या बैठे-बैठे मक्खियां मारेगा? अभी दूकानदार से ग्राहक का सेटलमेंट भी हो जाता है. कुछ ऐसे भी ग्राहक हैं जो राशन का आधा अनाज दूकानदार को बेच देते हैं. दूकानदार अच्छी क्वालिटी का अनाज चालाकी से खुले बाजार में खपा देता है. केजरी की स्कीम मंजूर की जाती तो यह गोरखधंधा रुक जाता.

    आम आदमी पार्टी का आरोप है कि बीजेपी और राशन माफिया के बीच कनेक्शन है, इसलिए उनकी डोरस्टेप राशन डिलीवरी स्कीम को अनुमति नहीं दी गई. केजरीवाल को समझना चाहिए कि आपसी लाभ के लिए कनेक्शन होना अच्छी बात है. केजरी की पार्टी भी तो अपना कनेक्शन पंजाब के मतदाताओं से जोड़ने में लगी है. दिल्ली के एलजी केजरी की दाल गलने नहीं देते. किसी अन्य राज्य में उनकी पार्टी की सरकार बन जाए तो वहां का राज्यपाल उनकी किसी भी स्कीम को नहीं रोक पाएगा!